________________
(नागौर) की भावैशिष्य
डॉ. अशोक कुमार जैन पुरस्कृत
जैनधर्म सम्बन्धी कृतियाँ मँगवायें जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य वि.वि.), लाडनूं (नागौर) | प्राच्य विद्या अहिंसा शोध संस्थान द्वारा प्रकाशित जैन धर्म राज, के जैन विद्या एवं तुलनात्मक धर्म-दर्शन विभागाध्यक्ष तथा की मौलिक विशेषताएँ (मूल्य ६० रुपये) जलगालन विधि और अ.भा.दि. जैन शास्त्रि परिषद् के उपाध्यक्ष, प्रख्यात जैन दर्शन | उसका वैशिष्य (मूल्य १२ रुपये), श्रावक धर्म (मूल्य १२ रुपये) मनीषी, शास्त्रीय प्रवचनकार श्रीमान् डॉ. अशोक कुमार जैन एम.ए.,
पासणाहचरिउ एक समीक्षात्मक अध्ययन (मूल्य ५० रुपये) तथा जैनदर्शनाचार्य,(वरिष्ठ सम्पादक-पार्श्व ज्योति) को श्री स्याद्वाद
जैन पर्व (मूल्य ३० रुपये) आदि कृतियाँ ।
सम्पर्क सूत्र महाविद्यालय, वाराणसी की ओर से उनकी महत्त्वपूर्ण शोधकृति
डॉ. सुरेन्द्र कुमार जैन, 'आचार्य श्री ज्ञान सागर जी महाराज का दार्शनिक अवदान' पर
सचिव पार्श्वज्योति मंच, एल-६५. ५१०१/- रुपये के पुरस्कार से मुनि श्री सुधासागर जी महाराज, क्षु.
न्यू इन्दिरा नगर, ए, बुरहानपुर (म.प्र.) श्री गम्भीर सागर जी महाराज, क्षु. श्री धैर्यसागर जी महाराज, ब्र. संजय भैया, श्री अ.भा.दि. जैन विद्वत्परिषद् कार्यकारिणी समिति
पंचम आत्म-साधना शिक्षण शिविर के विद्वान- सदस्यों एवं महती धर्मसभा के मध्य पुरस्कृत किया
अत्यन्त हर्ष का विषय है कि दिनांक 30.11.2003 से गया।
14.12.2003 तक परमपूज्य आचार्य 108 श्री विद्यासागर जी
महाराज के आशीर्वाद से सिद्धक्षेत्र श्री सम्मेद शिखरजी के पादमूल डॉ. रमेशचन्द जैन की कृति का राज्यपाल द्वारा विमोचन | में स्थित, प्राकृतिक छटा से विभूषित, परम पूज्य क्षुल्लक 105 श्री
ललितपुर । (उ.प्र.) में परमपूज्य आचार्य श्री विराग सागर गणेश प्रसाद जी वर्णी की साधना स्थली उदासीन आश्रम, इसरी जी महाराज द्वारा प्रदत्त २१ दीक्षाओं के दीक्षामण्डप में राजस्थान बाजार में पं. श्री मूलचन्दजी लुहाड़िया, मदनगंज (किशनगढ़) के राज्यपाल महामहिम श्री निर्मल चन्द जैन ने अनेकान्त मनीषी बाल ब्र. पवन भैया, कमल भैया, ब्र. पंकजजी, ब्र. चक्रेशजी, ब्र. डॉ. रमेशचन्द जैन, (पूर्व अध्यक्ष श्री अ.भा.दि. जैन विद्वत्परिषद्)
रविन्द्रजी आदि के सान्निध्य में पंचम आत्म-साधना शिक्षण शिविर बिजनौर (उ.प्र.) की प्रकाशित कृति 'जैनधर्म की मौलिक विशेषताएँ'
का आयोजन होने जा रहा है। का विमोचन किया।
समस्त इच्छुक धर्मानुरागी भाई बहनों से अनुरोध है कि
15.11.2003 तक आश्रम में लिखित आवेदन भेजें ताकि आवास, विद्वत्संगोष्ठियाँ आयोजित करें
भोजन आदि की समुचित व्यवस्थाएं की जा सकें। दिगम्बर जैन संतों के चातुर्मास काल में जैनधर्म दर्शन एवं
निवेदक साहित्य के विविध पक्षों पर संगोष्ठियाँ एवं प्रवचन, विधान, शिक्षण
अधिष्ठाता - श्री ओमप्रकाश जैन (रेवाड़ीवाले)
श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन शांति निकेतन उदासीन आश्रम शिविर आदि आयोजित करने हेतु श्री अ.भा.दि. जैन विद्वत्परिषद्
इसरी बाजार-(गिरिडीह) झारखंड-825107 के मंत्री डॉ. सुरेन्द्र कुमार जैन, के पते पर सम्पर्क करें ताकि 'विद्वत्परिषद्' के विद्वानों की सहभागिता सुनिश्चित की जा सके। जैन सन्त 108 श्री समाधि सागरजी महाराज द्वारा चातुर्मास का समय धर्मप्रभावना के लिए विशेष अवसर होता है, | अनिश्चित कालीन निर्जल मौन अनशन आंदोलन जिसका लाभ समाज को उठाना चाहिए।
अभी तक बेमुदत मौन निर्जल अनशन आंदोलन महाराज प्रतिष्ठाचार्य प्रकोष्ठ का गठन
जी ने पांच बार किए। पांचवी बार में काफी हद तक सफलता श्री अ.भा.दि. जैन विद्वत्परिषद् के शताधिक प्रतिष्ठाचार्य
मिली। महाराष्ट्र में सदा-सदा के लिए रामनवमी को कत्लखाने, विद्वान् विधि-विधान, पंचकल्याणक प्रतिष्ठा आदि आयोजनों में
मांस ब्रिकी बंद का अध्यादेश मुंबई शासन ने निकाला। महाराष्ट्र अत्यधिक सक्रिय, सार्थक भूमिका का निर्वाह करते आ रहे हैं।
(अपने अपने राज्य) तथा संपूर्ण भारत देश में पुनश्च गौवंश समाज के व्यापक सम्पर्क हेतु श्री अ.भा.दि. जैन विद्वत्परिषद्
हत्या, दारूबंदी आदि की पूर्ती हेतु मुनि श्री द्वारा मौन निर्जल प्रतिष्ठाचार्य प्रकोष्ठ का गठन किया जा रहा है, फिलहाल इसके अनशन 31 आगस्त 2003 गणेश चतुर्थी दोपहर से करने की संयोजक श्री पं. विनोदकुमार जैन, प्रतिष्ठाचार्य, रजबांस एवं | संभावना है। उसके समर्थनार्थ मुनिश्री ने आव्हान किया है कि सहसंयोजक पं. पवनकुमार 'दीवान' मुरैना बनाये गये हैं। प्रकोष्ठ 12/8/2003 रक्षा बंधन से सामूहिक मुंडन जन-जागृति तथा सरकार हेतु अपनी सेवाएं देने के इच्छुक विद्वान अपना नाम, योग्यता, | को जगाने हेतु करें। विशेष अभिरुचि का क्षेत्र, अनुभव आदि के विवरण सहित।
ब्र. चांदमल जैन आवेदन पत्र मंत्री कार्यालय में भिजवायें ।
भारतीय संस्कृती बचाओ मंच, जालना
महाराष्ट्र
30 अगस्त 2003 जिनभाषित
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org