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________________ पर एक भव्य समारोह में पू. क्षुल्लक श्री गम्भीरसागर जी महाराज बुरहानपुर- अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन विद्वत् परिषद् एवं पू. क्षुल्लक श्री धैर्यसागर जी महाराज के सान्निध्य में जैनदर्शन | के महामंत्री डॉ. सुरेन्द्र कुमार जैन 'भारती' का आचार्य ज्ञानसागर के प्रमुख अध्येता डॉ. शीतलचन्द जैन, प्राचार्य-आचार्य संस्कृत वागर्थ विमर्श केन्द्र, ब्यावर (राज.) द्वारा श्रीमज्जिनेन्द्र पंचकल्याणक महाविद्यालय, जयपुर एवं युवा मनीषी डॉ. सुरेन्द्र कुमार जैन प्रतिष्ठा महोत्सव, अलवर (राज.) में प.पू. मुनि पुंगव श्री सुधासागर भारती' (प्रधानसंपादक-पार्श्वज्योति), बुरहानपुर को क्रमश: छठवें जी महाराज, क्षुल्लक श्री गम्भीर सागर जी महाराज एवं क्षुल्लक एवं सातवें पुरस्कार से ५१०००/-रु., भव्य प्रशस्तिपत्र, शाल- श्री धैर्यसागर जी महाराज के सान्निध्य में सातवें महाकवि आचार्य श्रीफल एवं पुष्पहार भेंटकर पुरस्कृत किया गया। ज्ञानसागर पुरस्कार (राशि-५१०००रु.) से पुरस्कृत होने पर स्थानीय अ.भा.दि. जैन विद्वत्परिषद् द्वारा विदेशों में जैन पार्श्व ज्योति मंच (राजि.) द्वारा दि. २ मार्च को एक समारोह में साहित्य सम्प्रेषित डॉ. सुरेन्द्र कुमार जैन 'भारती' एवं उनकी सहधर्मिणी श्रीमती इन्द्रा अ.भा.दि. जैन विद्वत्परिषद द्वारा श्री पं. अमरचन्द जैन जैन 'भारती' (प्रकाशिका-पार्श्व ज्योति) का पुष्पहार एवं श्रीफल (कोषाध्यक्ष) सतना एवं प्रो. डॉ. नन्दलाल जैन रीवा के संयोजकत्व भेंटकर हार्दिक अभिनन्दन किया गया। संजय कुमार जैन में परिषद की विदेशों में जैन साहित्य के प्रचार-प्रसार के निर्णय को कोषाध्यक्ष-पार्श्व ज्योति मंच, न्यू इंदिरा नगर, बुरहानपुर मूर्तरूप देने के लिए लंदन विश्वविद्यालय, डॉ. के.वी. मरडिया लीड्स यूनिवर्सिटी, डॉ. रान गीब्स चैस्टर कॉलेज, चैस्टर, डॉ. अनेकान्त ज्ञानमंदिर शोधसंस्थान, बीना (म.प्र.) फुजीनागा सिन मियावोनोजो, गियाजावी, जापान, डॉ. क्रिस्टफ का ११ वाँ स्थापना समारोह एारण, साउथ एशियन इन्स्टीट्यूट, टाइडोमवर्ग, जर्मनी आदि के २० फरवरी १९९२ को स्थापित अनेकान्त ज्ञानमंदिर पुस्तकालयों हेतु जयधवल तथा ज्ञानपीठ से प्रकाशितजैन साहित्य, शोधसंस्थान बीना (सागर) म.प्र. ने २० फरवरी २००३ को संस्थान अध्यात्म अमृत कलश, मल्टी डायमेन्शनल एस्पेक्ट्स ऑफ के संस्थापक ब्र. संदीप 'सरल' के पुनीत सान्निध्य एवं मार्गदर्शन अनेकान्तवाद, जैनिज्म इन ग्लोबल पर्सपेक्टिव, दी जैन वर्ल्ड ऑफ में संस्थान का ११ वाँ स्थापना दिवस समारोह सादगीमय किन्तु नान लिविंग, बायोलॉजी इन तत्वार्थसूत्र, जैन कार्मोलॉजी, रिलीजियन उत्साहमय वातावरण में सम्पन्न हुआ। एण्ड कल्चर ऑफ जैन्स, सर्वोदयी जैन तन्त्र, ग्लॉसरी आऊफ जैन कार्यक्रम का प्रारम्भ २० फरवरी को प्रातः श्रुतपूजन एवं टर्स, आई एम् महावीर, जैन सिस्टम इन नर कौल, बेसिक रैनेट्स भक्तामर स्तोत्र पाठ के साथ प्रारम्भ किया गया। दोपहर में २ बजे ऑफ जैनिज्म, कल्याणमंदिर स्तोत्र (अंग्रेजी), पं. जगन्मोहनलाल मंगलाष्टक का सामूहिक मंगलाचरण गान किया गया। तत्पश्चात् ११ शास्त्री साधुवाद ग्रंथ, डॉ. कासलीवाल अभिनन्दन ग्रंथ तथा जीवराज ग्रंथमाला सोलापुर से प्रकाशित साहित्य भेजा गया है। भविष्य में | महानुभावों ने मंगलदीप प्रज्जवलित किये। अनेकान्त जैन भी इसी तरह मौलिक एवं अंग्रेजी में अनूदित जैन साहित्य भेजे जाने की आवश्यकता एवं योजना है अत: जो भी दानी महानुभाव अपनी विनम्र अनुरोध ओर से विदेशों में जैन साहित्य भिजवाना चाहते हों वे अपनी कोटि-कोटि मुनियों की निर्वाण स्थली श्री दि. जैन सिद्धक्षेत्र सहयोग राशि निम्नलिखित पते पर भिजवाकर सहयोग करें - फलहोड़ी बड़ागाँव (धसान) टीकमगढ़ (म.प्र.) (भारत वीय डॉ. सुरेन्द्रकुमार जैन, मंत्री अ.भा.दि. जैन विद्वत्परिषद दि. जैन तीर्थ क्षेत्र कमेटी बम्बई संवद्धता क्र. १२७'') में चंन्देल एल ६५, न्यू इन्दिरानगर, ए, बुरहानपुर (म.प्र.)-४५०३३१ | कालीन श्री १००८ भगवान महावीर जिनालय का जीर्णोद्धार का फोन-०७३२५-२५७६६२ कार्य वृहद स्तर पर चल रहा है। स्थानीय क्षेत्रीय समाज के सहयोग जैन साहित्य मंगवायें से एक तिहाई कार्य पूर्ण हो चुका है, अर्थाभाव में कार्य में अवरोध पार्श्व ज्योति कार्यालय में विक्रय हेतु उपलब्ध महत्वपूर्ण | (व्यवधान) आ रहा है संकल्पित समयावधि पूर्ण होने जा रही है स्वाध्यायोपयोगी कृतियाँ मँगवायें- डॉ. रमेशचन्द जैन द्वारा लिखित | अत: समस्त समाज के उदारहृदय तीर्थभक्तों से विनम्र अनुरोध है जैनपर्व (मूल्य-३१ रुपये) श्रावक धर्म (मूल्य-१२ रुपये) उद्बोधन | कि अपनी चंचला लक्ष्मी का सदुपयोग कर पुण्य लाभ लेते हुए (मूल्य-१२ रुपये), डॉ. सुरेन्द्र जैन 'भारती' द्वारा लिखित-पासणाह संकल्पित अवधि में ही यह कार्य पूर्णकराकर अनुगृहीत करें। चरिउ: एक समीक्षात्मक अध्ययन (मूल्य-५० रुपये), जलगालन सहयोग राशि एस.बी.आई. कोड ३७११ बड़ागाँव (धसान) खाता विधि और उसका वैशिष्ट्य (मूल्य-१२ रुपये) नं. ४/१४८५ बी. के नाम से भेजने का कष्ट करें। डॉ. सुरेन्द्र कुमार जैन 'भारती' दि. जैन सिद्धक्षेत्र फलहोड़ी पार्श्व ज्योति कार्यालय, एल. ६५ बड़ागाँव (धसान ) टीकमगढ़ (म.प्र.) न्यू इन्दिरानगर, ए, बुरहानपुर | रिसडा में पंचकल्याणक प्रतिष्श महोत्सव सानन्द सम्पन्न डॉ. सुरेन्द्र जैन 'भारती' एवं श्रीमती इन्द्रा जैन कोलकाता- महानगर कोलकाता से बीस किलोमीटर का अभिनन्दन - अप्रैल 2003 जिनभाषित 29 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524272
Book TitleJinabhashita 2003 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Jain
PublisherSarvoday Jain Vidyapith Agra
Publication Year2003
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jinabhashita, & India
File Size3 MB
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