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सर्वोदय ज्ञानसंस्कार शिक्षण शिविर सम्पन्न
कुंथलगिरि (महाराष्ट्र) भगवान | शिक्षा प्राप्त करने वालों ने संकल्प किया है । परम्परा को वर्तमान समय में अत्यत कुलभूषण एवं देशभूषण के परम पावन | कि वे अपने कस्बों या शहरों में वर्ष में 3- | आवश्यक बताते हुए स्वयं भी शिविर में निर्वाण क्षेत्र कुन्थलगिरि पर प्रतिवर्ष की भाँति | 4 शिविर आयोजित करेंगे।
| पढ़ने की इच्छा व्यक्त की। इस वर्ष भी श्री सन्मति सेवा दल मध्यवर्ती आगरा सेक्टर-7, आवास विकास उद्घाटन के समय दीप प्रज्ज्वलन श्री समिति द्वारा सर्वोदय ज्ञान संस्कार प्रशिक्षण कालोनी में 12 मई से 19 मई तक एक अरविन्द भाई (अध्यक्ष- वेतालीस दशा हूमण शिविर का आयोजन श्रमण संस्कृति संस्थान | धार्मिक शिक्षण शिविर का आयोजन किया समाज) तथा श्री रतनलाल जी बैनाडा के द्वारा सागानेर के तत्त्वावधान में किया गया। इस | गया। श्रीमान निरंजन लाल जी बैनाडा, जो इस शिविर के कुलपति भी थे, किया वर्ष लगभग 200 शिक्षार्थियों ने शिविर में | (कुलपित श्री सर्वोदय ज्ञान संस्कार शिक्षण गया। तदुपरान्त स्वागत गान के पश्चात सभी भाग लिया। दिनांक 4.5.2001 को शिविर शिविर) की अध्यक्षता में इस शिविर का शिक्षक, विद्वानों एवं अतिथियों का सम्मान का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलन करके श्री उद्घाटन 12 मई को प्रातः 7.30 बजे श्री किया गया। इस शिक्षण शिविर का अर्थभार रतनलाल जी बैनाड़ा (अधिष्ठाता- श्रमण | दिगम्बर जैन मंदिर, सैक्टर-7 में हुआ। करीब श्री पोपट भाई शाह, जलगाँव द्वारा वहन संस्कृति संस्थान, साँगानेर) तथा मध्यवर्ती 100 शिक्षार्थियों ने शिविर में भाग लिया। किया गया। उनकी तरफ से उद्घाटन में समिति के अध्यक्ष श्री जीवन दादा पाटिल समापन समारोह एवं पुरस्कार वितरण 19 उपस्थित लगभग 1500 लोगों के भोजन की द्वारा किया गया। प्रशिक्षण शिविर में मई को हुआ। श्री दिगम्बर जैन मंदिर के व्यवस्था भी की गयी। शिविर में जैन धर्म अधिकांश शिक्षार्थी डॉक्टर, प्रोफेसर आदि अध्यक्ष श्री सतीश जैन एवं श्री जयन्ती प्रसाद शिक्षा भाग-1,2, छहढाला, तत्त्वार्थसूत्र की होते थे। प्रतिदिन सुबह दोपहर और शाम 2- जैन ने मंच पर उपस्थित श्री बैनाड़ा जी, श्री कक्षाएँ नियमित रूप से दिन में तीन बार 2 घंटे के तीन शिक्षणसत्र लगते थे जिनमें सुनील शास्त्री, श्री ए.के. जैन का माल्यार्पण चलती थीं, अर्थात् लगभग 5 घंटे प्रतिदिन जैन धर्म शिक्षा-भाग-1,2, छहढाला, कर स्वागत किया। शिक्षार्थियों को पुरस्कार इन ग्रन्थों का स्वाध्याय होता था। श्री तत्त्वार्थसूत्र और सर्वार्थसिद्धि का प्रशिक्षण वितरण श्री अरुण जैन की ओर से किया गया। रतनलाल जी बैनाड़ा तत्त्वार्थ सूत्र की कक्षा दिया जाता था। सर्वार्थसिद्धि का अध्यापन अन्त में जैन समाज सेक्टर-7 की ओर से लेते थे और रात्रि में सभी को सामूहिकरूप रतनलाल जी बैनाड़ा करते थे और रात्रि में सभी का आभार व्यक्त किया गया। से पूजन का अर्थ समझाते थे एवं खुली तत्त्व भी सभी शिक्षार्थियों को पौन घंटे रत्नकरण्डक तारंगा दिनांक 20 मई से 27 मई चर्चा करते थे। साथ में आये हुए अन्य विद्वान श्रावकार पढ़ाते थे। तदुपरान्त पौन घंटे तक 2001 तक गुजरात प्रांतीय वेतालीस दशा पंडित सुनील शास्त्री, आगरा, पं. सौरभ शंका समाधान होता था। तत्त्वार्थसूत्र का हूमण दिगम्बर जैन समाज द्वारा आयोजित श्री शास्त्री, सौ, अनीता जैन, आगरा पं. सुनील शिक्षण श्रीमती पुष्पा बैनाडा आगरा करती सर्वोदय ज्ञान संस्कार शिक्षण शिविर अत्यंत शास्त्र, समनापुर तथा सौ. मनोरमा सौगानी, थी। अन्य शिक्षक श्रीमती रचना जैन, आगरा, हर्ष उल्लास के साथ श्री श्रमण संस्कृति आगरा, श्री प्रकाशचन्द्र जी पहाड़िया, श्रीमती पुष्पलता जैन, आगरा, ब्र. अरुण संस्थान, साँगानेर के सानिध्य में तारंगाजी में ब्रह्मचारी अल्पेश जैन, डॉ. शैलेष भाई, ब्र. भैया सांगानेर आदि थे। सभी शिक्षार्थी कठिन सम्पन्न हुआ। वेतालीस दशा ह्मण समाज | चेतनजी आदि थे। परिश्रम करते थे।
द्वारा शृंखलाबद्ध प्रतिवर्ष लगाया जाने वाला दिनांक 26 मई को अपराह्न में परीक्षाएँ दिनांक 17 मई को विधिवत् परीक्षा यह चौथा शिक्षण शिविर था। पिछले वर्ष सम्पन्न हुई और दिनांक 27 मई को प्रातः ली गयी और 18 को प्रातःकाल परीक्षा फल वृन्दावन (हिम्मतनगर) में लगभग 350 प्रमुदित वातावरण में परीक्षाफल घोषित किया की घोषणा एवं पुरस्कार वितरण किया गया। शिक्षार्थियों ने भाग लिया था जबकि इस वर्ष गया और पुरस्कार वितरण का कार्य सम्पन्न तत्पश्चात् सभी शिक्षार्थी परम पूज्य आचार्य 500 से भी अधिक विद्यार्थी शामिल हुए। श्री विद्यासागर जी महाराज के परम शिष्य दिनांक 20 मई को प्रातः 9.00 बजे सबसे अधिक प्रसन्नता की बात यह मुनिश्री 108 समाधि सागर जी के दर्शनार्थ शिविर का उद्घाटन श्री भारतवर्षीय दिगम्बर | रही कि सन् 2006 तक होने वाले शिविर गये तथा उनका मंगल आशीर्वाद प्राप्त जैन महासभा दक्षिण प्रकोष्ठ के अध्यक्ष का भार वहन करने वालों ने अपने नाम किया। लगातार 4 वर्षों से प्रशिक्षण शिविर माननीय श्री आर.के. जैन मुम्बई द्वारा किया अंकित कराये। तारंगा गुजरात का प्रसिद्ध का आयोजन करने का ही प्रतिफल है कि इस गया। आपने अपने अध्यक्षीय भाषण में दसा सिद्ध क्षेत्र है एवं भगवान वरदत्त एवं भगवान वर्ष लगभग 100 प्रशिक्षित विद्वान श्री हूमण समाज द्वारा एकत्रित विशाल ध्रुव फण्ड शायरदत्त आदि साढ़े तीन करोड़ मुनियों ने सन्मति सेवा दल द्वारा महाराष्ट्र के विभिन्न की प्रशंसा की और कहा कि इतना ध्रुव फण्ड | यहाँ से निर्वाण प्राप्त किया है। स्थानों पर पर्युषण पर्व में प्रवचनार्थ भेजे | किसी भी अच्छी संस्था में देखने में नहीं
सुनील कुमार जैन 'शास्त्री' जायेंगे। सर्वार्थसिद्धि एवं तत्त्वार्थसूत्र की | आया। उन्होंने शिक्षण शिविर लगाने की
962 सेक्टर-7, बोदला आगरा -जून 2001 जिनभाषित 31
हुआ।
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