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मध्यप्रदेश शासन द्वारा जैन समुदाय को अल्पसंख्यक
दर्जा दिये जाने की अधिसूचना जारी
• सुरेश जैन, आई.ए.एस.
दिनांक 23 फरवरी 2001 को कुण्डलपुर में
2001 (क्र. || सन् 2001) श्री सुरेश जैन भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी |
के द्वारा जो मध्यप्रदेश राजपत्र आचार्य श्री विद्यासागर जी एवं कुशल विधिवेत्ता हैं। मध्यप्रदेश शासन द्वारा जैन समुदाय को |
| असाधारण क्र. 252 दिनांक के समक्ष मध्यप्रदेश के अल्पसंख्यक दर्जा देने की अधिसूचना जारी करने के तुरन्त बाद
| 17 अप्रैल 2001 में प्रकायशस्वी मुख्यमंत्री श्री दिग्वि- श्री जैन ने विभिन्न शासकीय कार्यालयों में जाकर अल्पसंख्यक |शित किया गया है मूल जय सिंह जी ने प्रदेश के जैन आयोग तथा अल्पसंख्यक वर्ग को प्राप्त होने वाली सुविधाओं | अधिनियम की धारा 2 के समुदाय को अल्पसंख्यक से सम्बद्ध विभिन्न जानकारियाँ उपलब्ध की और परिश्रम पूर्वक
खण्ड (ग) के स्थान पर दर्जा देने की घोषणा की थी। यह आलेख लिखा है। जैन समुदाय उन सुविधाओं से परिचित
निम्नांकित नवीन खण्ड स्थापित उसे कार्यरूप में परिणित
किया गया है :करते हुए मध्यप्रदेश शासन होकर उनका लाभ उठा सकता है।
इस अधिनियम के प्रयोद्वारा दिनांक 29 मई 2001
जन के लिये 'अल्पसंख्यक को उक्त आशय की अधिसूचना जारी कर दी गई है।
से अभिप्रेत है :भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 से 28 में प्रत्येक नागरिक | (एक) केन्द्रीय सरकार द्वारा राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, को धार्मिक स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार प्राप्त है। संविधान के 1992 (1992 का सं. 19) के प्रयोजन के लिये इस रूप अनुच्छेद 29 द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के नागरिकों को यह में अधिसूचित किया गया समुदाय। अधिकार दिया गया है कि वे अपनी भाषा, लिपि एवं संस्कृति का | (दो) राज्य सरकार द्वारा इस रूप में अधिसूचित किया गया समुदाय। संरक्षण करें। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 30 में अल्पसंख्यक ।
| जैन समुदाय को अल्पसंख्यक समुदाय के रूप समुदाय को शैक्षणिक संस्थाओं की स्थापना एवं संचालन हेतु विशेष अधिकार दिये गये हैं। प्रत्येक अल्पसंख्यक समुदाय अपने धर्म एवं
में घोषित करने की अधिसूचना भाषा के आधार पर अपनी रुचि के अनुसार शैक्षणिक संस्थानों की उपरिलिखित शक्तियों का प्रयोग करते हुए मध्यप्रदेश सरकार स्थापना एवं उनका संचालन करने हेतु सक्षम है। संविधान ने यह भी ने मध्यप्रदेश राज्य अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1990 (क्र. प्रावधान किया है कि भारत सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा अन्य | 15 सन् 1996) के अंतर्गत प्रसारित अधिसूचना क्र. एफ ||-18/ संस्थाओं की भाँति अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा संचालित शैक्षणिक 98/54-2 दिनांक 29 मई 2001 के द्वारा मध्यप्रदेश के मूल संस्थाओं को अनुदान एवं सहायता दी जाय।
निवासी जैन समुदाय को अल्पसंख्यक समुदाय के रूप में अधिसूचित केन्द्रीय सरकार ने अपनी अधिसूचना क्रमांक 816 (अ) दिनांक किया है। 23 अक्टूबर, 1993 के द्वारा जो भारत के राजपत्र भाग 2 खण्ड अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना 3 के उपखण्ड (ii) में प्रकाशित की गई है, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम 1992 (क्र. 19 सन् 92) की धारा के खण्ड
मध्यप्रदेश सरकार ने उपरिलिखित अधिनियम के अंतर्गत 2 (ग) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उक्त अधिसूचना
प्रसारित अपनी अधिसूचना क्रमांक 1102/1985/54-2/96 के प्रयोजन के लिये मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी समुदायों
दिनांक 23 अक्टूबर, 1996 के द्वारा अल्पसंख्यक आयोग की को अल्पसंख्यक समुदायों के रूप में अधिसूचित किया है। इस
स्थापना की है। आयोग की स्थापना के पीछे राज्य शासन की यह अधिसूचना में जैन समाज को अल्पसंख्यक समुदाय के रूप में
मंशा है कि धर्म या भाषा पर आधारित अल्पसंख्यक समुदायों के सम्मिलित नहीं किया गया था।
हितोंकी इस आयोग द्वारा सुरक्षा की जावे। मध्यप्रदेश राज्य अल्पसंख्यक आयोग
आयोग के कर्त्तव्य अधिनियम
इस आयोग को इस अधिनियम की धारा ) (1) के द्वारा
निम्नांकित कर्त्तव्य सौंपे गये हैं :मध्यप्रदेश राज्य में अल्पसंख्यक समुदायों के कल्याण हेतु
(क) राज्य के अधीन अल्पसंख्यकों के विकास की प्रगति का मध्यप्रदेश राज्य अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1996 (क्र. 15
मूल्यांकन करना, सन् 1996) प्रभावशील है। इस अधिनियम के अंतर्गत अल्पसंख्यक
(ख) संविधान में और संसद तथा राज्य विधान मंडल द्वारा समुदाय घोषित करने की शक्तियाँ प्राप्त करने के लिये राज्य सरकार
अधिनियमित विधियों में उपबंधित रक्षोपायों के कार्य को ने मध्यप्रदेश राज्य अल्पसंख्यक आयोग (संशोधन) अधिनियम,
मानीटर करना।
28 जून 2001 जिनभाषित
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