________________
विशेष समाचार
महावीर जयन्ती पर अमेरिकी सीनेट में के सामने आ खड़ी हुई है, उसका पूरी ताक़त से सकारात्मक दोहन
करना चाहिए। राज्यशः सर्वेक्षित करना चाहिए कि देश में कुल कितने विशेष प्रार्थना
राजकीय अतिथि-गृह हैं अर्थात् लोक निर्माण विभाग के कितने, वन वाशिगटन। अमेरिकी कांग्रेस में बुधवार को कार्यवाही शुरू होने | विभाग के कितने, तथा अन्य परियोजनाओं के कितने? हमें यह भी से पहले भगवान् महावीर की 2600वीं जयन्ती के उपलक्ष्य में जैनधर्म जानकारी संकलित करनी चाहिए कि बड़े व्यापारिक खानदानों के अपने की प्रार्थना की गई। अमेरिकी कांग्रेस के 100 वर्षों के इतिहास में निजी गेस्टहाउसेज़ कितने हैं? क्या जैन उद्योगपतियों के गेस्टहाउसों यह पहला मौका है जब कांग्रेस में जैन प्रार्थना की गई। उस समय में मांसाहार वर्जित हैं, या चल रहा है? जहाँ तक हमारी जानकारी समूचे अमेरिका से जैन समुदाय के 100 से भी अधिक व्यक्ति | है कई ऐसे जैन उद्योगपति हैं, जिनके संस्थान-स्थित गेस्टहाउसों में उपस्थित थे। यह प्रार्थना अंग्रेजी में अनूदित कर पढ़ी गई। अमेरिकी मांसाहार परोसा जाता है, ऐसे में क्या हम उनकी एक बैठक ले कर कांग्रेस में अंग्रेजी भाषा के अलावा और किसी भी भाषा में प्रार्थना उनसे इसे बंद करने की अपील नहीं कर सकते? खयाल रहे कि जब नहीं की जा सकती।
हम पूरे देश के राजकीय/निजी अतिथि-गृहों की सूची तैयार करेंगे - दैनिक भास्कर, भोपाल | | तब निश्चय ही हमारे सामने एक बहुत बड़ा कार्य-क्षेत्र खुल जाएगा,
___ 24 मई 2001 से साभार | जिसमें हम अहिंसा के व्यावहारिक रूप को तर्कसंगत तथा प्रभावी शाबाश गुजरात
ढंग से प्रचारित कर सकेंगे।
'तीर्थंकर' मई 2001 से साभार छह अप्रैल दो हजार एक से भगवान महावीर के 2600) वें जन्मकल्याणक वर्ष की समारोह-शृंखला का श्रीगणेश हुआ है। राजधानी
मांसयुक्त खाद्यपदार्थों को प्रतीक दिल्ली तथा अन्य राज्यों की राजधानियों/प्रमुख शहरों में महावीर जयन्ती के आयोजन हुए, कई औपचारिक ऐलान हुए, लेकिन ऐसा
चिह्न द्वारा पहचानें कुछ नहीं हुआ जिसे देश का सांस्कृतिक इतिहास दर्ज कर सके। केन्द्र
___अहिंसक और शाकाहारी वर्ग की चिरप्रतीक्षित मांग को दृष्टि सरकार ने एक अरब रुपये खर्च करने की घोषणा तो बहुत पहले से
में रखकर केन्द्रीय सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की है, लेकिन अभी तक उसे लेकर कोई स्पष्ट तजबीज़ सामने नहीं
(स्वास्थ्य विभाग) नई दिल्ली ने 'भारत का राजपत्र असाधारण सं. आयी है। लगता है, वह एक तरह की निर्बल राजनैतिक गर्वोक्ति थी,
166, भाग-II, खण्ड-3, उपखण्ड (i), बुधवार, 4 अप्रैल 200। जिसका कोई ठोस नतीजा कभी सामने नहीं आयेगा।
को एक अधिसूचना जारी की है। हाँ, सबसे बड़ी पहल गुजरात में हुई। राज्य के मुख्यमंत्री श्री
इस अधिसूचना/सा.का. नि. 245 (अ) के अनुसार खाद्य केशुभाई पटेल ने दो प्रमुख ऐलान किये- 1. राज्य में 'अहिंसा
अपमिश्रण निवारण नियम 1955 में संशोधन करके मांसाहार युक्त महाविद्यालय की स्थापना की जाएगी। 2. सरकारी अतिथि-गृहों
पदार्थों के ऊपर एक प्रतीक चिन्ह बनाना अनिवार्य कर दिया है। राजपत्र (गेस्ट हाउसों) में न तो मांसाहार बनेगा और न ही परोसा जाएगा।
में प्रकाशित तिथि से 6 मास के पश्चात् यानी 4 अक्टूबर 2001 उपर्युक्त दोनों निर्णय ऐतिहासिक हैं और राज्य के सकारात्मक सहयोग
से प्रवृत्त होने वाले इस खाद्य अपमिश्रण निवारण (चौथा संशोधन) को परिभाषित करते हैं। ये वस्तुतः ऐसे फैसले हैं, जिनसे देश की
नियम, 2000 में नियम 32-अ खण्ड-ख में संशोधन किया गया सास्कृतिक अस्मिता प्रभावित होगी और अहिंसा को मैदान में उतार कर जीने की संभावनाएँ शक्ल ग्रहण करेंगी। यद्यपि श्री पटेल के निर्णय
इस संशोधन के पश्चात् अब 'जब भी किसी खाद्य पदार्थ में की कई लोगों ने आलोचना की है, लेकिन वे अविचल हैं और अहिंसा
एक संघटक के रूप में पक्षियों, ताजे जल अथवा समुद्री जीवके प्रचार-प्रसार की दिशा में कुछ और कदम उठाने के लिए संकल्पित
जन्तुओं, अण्डों अथवा किसी भी जीव-जन्तु के उत्पाद सहित कोई हैं। आश्चर्य, कि जैन समाज के किसी भी वर्ग ने श्री पटेल को उनके
समग्र जीव-जन्तु अथवा उसका कोई भाग, परन्तु इसमें दूध या दूध इस साहस के लिए न तो कोई बधाई-तार भेजा है, न बधाई-खत
से बने हुए पदार्थों को छोड़कर, अन्तर्विष्ट होने पर वह उत्पाद मांसाहारी ही लिखा है, जबकि इस संदर्भ में उनके पास करोड़ों संदेश पहुँचने
| खाद्य पदार्थ है यह सूचित करना होगा। थे। क्या हम इतने कृपण/दरिद्र हैं कि उन्हें एक पोस्टकार्ड भी नहीं
इस प्रयोजन के लिये निम्न अनुबंधित प्रतीक और रंग कोड लिख सकते? और तो और 'जिनेन्दु' (अहमदाबाद) को छोड़कर | के द्वारा इस आशय की एक घोषणा की जाएगी। इस प्रतीक में भरे किसी अन्य जैन पत्र पत्रिका ने इस ऐतिहासिक खबर को सुर्खियों
रंग से भरा हुआ एक वृत्त होगा। यह मूल प्रदर्शन पैनल का क्षेत्र 100 में डालने की मिहरबानी भी नहीं को। क्या जैन समाज इसी तरह प्रमत्त/
से.मी. के वर्ग तक 3 मि.मी. न्यूनतम व्यासयुक्त, 100 से.मी. सुस्त रह कर भगवान् महावीर के छब्बीस सौवें जन्म कल्याणक
वर्ग से ऊपर 500 से.मी. वर्ग तक 4 मि.मी. न्यूनतम व्यासयुक्त, महोत्सव को संपन्न करेगा?
500 से.मी. वर्ग से ऊपर 2500 से.मी. वर्ग तक 6 मि.मी. हमें जगना चाहिए और यह जो एक वृहद संभावना हमारी आँखों
न्यूनतम व्यासयुक्त एवं 2500 से.मी. वर्ग से ऊपर 8 मि.मी.
- जून 2001 जिनभाषित ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org