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विक्रम
उद्धरण
१ एथ. जिम्मर : फिलॉसफीज ऑफ इण्डिया, पृष्ठ २१७-२७; जे. जी., आर. फोरलोंग :
शार्ट स्टडीज इन दि साइन्स ऑफ कम्पेरेटिव रिलिजन्स, पृष्ठ २४३-४४; पा. स्ट.
ओ. बु. पृष्ठ २६० ; तुलसी प्रिवेदिक एक्जीस्ट्रेस अॉफ श्रमण टेडिशन । २ से. बु. ई., ४५ पृष्ठ २०-२३ भूमिका भाग । ३ से. बु. ई.; ४५, प्रस्तावना पृष्ठ १८-१६ । ४ वही, ४५, २ पृष्ठ ३३ । ५ दक्षिण-पश्चिमी इथोपिया की प्रोमोघाटी में प्रात्त पचास मानवाश्म से ३५ लाख वर्ष
पूर्व मानव को उत्पत्ति की तिथि निश्चित हुई है, यद्यपि प्रो. बियन पैटर्सन को दो दाँत युक्त मानव-जबड़ा मिला है, जिसका समय ५५ लाख वर्ष पूर्व माना गया है परन्तु इस २० लाख वर्ष के अन्तर को एक ही स्थान के लिए मानना सन्देहास्पद है
(हितवाद, दिनांक ११ मार्च १९७३ में एडवर्ड एशपोल के लेख से) ६ एपिग्राफिया इण्डिका, ६ पृष्ठ ११-१२। ७ सम. १४७, नन्दीसूत्र ५६ । ८ ऋग्वेद १०।१३५२ (मुनयो वातरशना ? पिशंगा वसने भलाः) ६ तैत्तिरीक आरण्यक २१७१ । १० ऋ. १२।८।४; २।३३।१०।१०।२।२ । ११ वही, १०।१३६।१; १०।१०६।२। १२ भागवत ५।५।२८ ५।६।७१ । १३ भागवत, ५।६।१६-१६ । १४ वही, ५।५।१६-२६ । १५ प्रजापतेः सुतोनाभि तस्यापि आगमुच्यति नाभिनो वे सिद्धकर्म दृढव्रत,
विष्णुपुराण, २. १. ७. १६, २७-३२ । १७ शिवपुराण, ४।४८।४८ । १८ भागवत, ५।३।२० १६ आवश्यकनिर्यफि, गाथा १६०-६१ । २० वही, ५।४।१४ २१ वही, ५।५।२८ २२ वही, ५।६।१६-१६ २३ वही,५।४।८ २४ भागवत, ५।४।२
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