SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 82
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ BUILD muamt जैनहितैषी २५८ विचार करके उन्होंने स्वतः ही उनका निर्णय कर समीप हुई थी। पहले नीग्रो लोग जब दास लिया। थोड़ा लिखना पढ़ना सिखलाना, स्वच्छ- बनाकर लाये गये थे तब वे भी इसी जगह ता और आरोग्यताके नियमोंका ज्ञान कराना उतारे गये थे। सिविल-वारमें सरकारी सेनापति और लड़के लड़कियोंको अपने निर्वाहके योग्य जनरल गाँटकी मुख्य छावनी इसी जगह थी जुदेजदे काम धंदों में निपुण बना देना ही उनकी और इसी जगहपर जनरल बटलरने नीग्रो निर्धारित की हुई शिक्षाका उद्देश्य था । विषयोंकी लोगोंके दास्यविमोचनकी घोषणा की थी। योजना हो चुकनेपर पाठशालाके लिए स्थान इस पुण्यक्षेत्रमें आर्मस्ट्राँगने अपने विद्यालयको चुननेका काम और बाकी रह गया। स्थापित करके मानो उसे तीर्थराज बना दिया । हेम्पटन-विद्यालयमें नीग्रो बालक बालिकाओंकी पाठशालाके लिए वस्तीसे कुछ दूर स्वच्छ शिक्षाके लिए जो योजना की थी, उसके विषयमें आरोग्यप्रद और मनोहर स्थान होना चाहिए । : आर्मस्ट्राँगने एक जगह लिखा हैआर्मस्ट्राँग किसी ऐसे ही स्थानकी फिकरमें थे । नीग्रो बालक बालिकाओंको धंदा सिखानेका परिप्रवासके समय उन्होंने हेम्पटन नदीके किनारे णाम अच्छा होगा, इससे वे बहुत बुद्धिमान् और तीएक अत्यन्त मनोहर मैदान देखा और वह स्थान क्षण बद्धि होंगे। स्वावलम्बनका महत्त्व समझ जाने उन्हें पसंद आगया। उन्हें तत्काल ही यह भावना पर 'यह काम हलका है-यह हमारे करने होने लगी कि मानो वह जगह हजारों विद्या- योग्य नहीं है ।' इत्यादि बातोंको वे भूल जावेंगे । र्थियोंकी शिक्षाभूमि है। इस भावी शिक्षाभूमिके सुशिक्षासे उनको नियमितरूपसे काम करनेकी आदत मनोहर दर्शन करके उनका मन आनंदसे नाच पड़ जावेगी । जो विद्यार्थी उच्चशिक्षा प्राप्त करेंगे उठा । उन्होंने उसी भूमिको अपनी तपोभमि वे पढ़लिखकर शिक्षक या उपदेशक बनकर जातिउबनानेकी ठान कर काम करना शुरू कर दिया। द्वारके के लिए कटिबद्ध होंगे। इसमें कुछ भी संदेह नहीं है कि नीग्रोबालक शिक्षा पाकर उद्योएक मिशनरी संस्थाने १६० एकर जमीन खरीद दी, एक मित्रने ७००००) रुपया दिये और । गी, सुशील और कामकाजमें चतुर निकलेंगे।" सरकारीतौरसे भी नीयोलोगोंको शिक्षा देनेके एक मिशनसे ३००००) रु. मिलनेका आभव- लिप प्रयत्न चल रहा था। इस कामकी व्यवस्था चन मिला । इतनी तैयारी हो चुकनेपर १ अक्टूबर करने के लिए महात्मा आर्मस्ट्राँग ही चुने गये सन् १८६७ को इमारत बननेका काम शुरू और उन्हें 'जनरल' की उपाधि प्रदान की गई। किया गया । एक ही काममें पूर्ण उद्योग करते आपने इस कामको बहुत सुन्दर रीतिसे चलाया रहनेके कारण लोकमत विरुद्ध रहनेपर भी परंत आपके मनमें सदैव यह बात जागरित रहा आर्मस्ट्राँगको यश मिले विना नहीं रहा । केवल करती थी कि कब हेम्पटन विद्यालय बनेगा और इतना ही नहीं बरन् आगेके लिए उनका मार्ग कब मैं नीग्रो बालकोंको शिक्षा 'दूंगा । पढ़ाने भी प्रशस्त होगया। लिखानेके कामको वे बहुत पसंद करते थे। हेम्पटन एक मनोहर स्थान है । वह उत्तर अतएव हेम्पटन-विद्यालयका भवन तैयार हो और दक्षिणप्रान्तोंके मध्यमें है। इस स्थानका जाने पर उन्होंने और सब कामोंको छोड़ कर ऐतिहासिक महत्त्व भी कुछ कम नहीं है । यूरो- केवल उसीकी ओर चित्त लगाया । सन् १८६८ पियन लोगोंकी पहली आबादी इसी स्थानके की पहली अप्रैलके शुभ मुहूर्तमें विद्यालय खोला Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.522825
Book TitleJain Hiteshi 1916 Ank 04 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathuram Premi
PublisherJain Granthratna Karyalay
Publication Year1916
Total Pages96
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jain Hiteshi, & India
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy