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Emrnsrmनर्जन्म ramremam
२०५ नातेदार--नहीं, हम लोग विश्वास नहीं दौलत०--(भंगके नशेमें ) लेकिन मैं करते । निकल जाओ।
दौलतराम सेठदौलत०--कहाँ जाऊँ?
३ नाते--पहले मैं गाऊँगा !-खा-आनातेदार०-यह हम क्या जाने ? हम नहीं आ-आ-आ-। जानते।
४ नाते०--चुप । करूँ ऊँ-ऊँ। दौलत०-दोनों लड़कोंने पहचान लिया ५ नाते-गाओ जान, कोई नाटककी है, मगर मुँहसे स्वीकार नहीं किया । बाहरे चीज़ गाओ--- कलजुगी लड़के !
गौहर०-अच्छा, सुनिए· नातेदार--(दौलतसे ) अजी सोचते बूटी पिलाके लुभाय क्या हो ? दूधिया भंग है। पियोगे? लो ज़रासी। गया कोई मुझे।
दौलत०-(कुछ सोचकर ) मैं तो जीता १ नाते--वाह वाह, वाह वाह । हूँ, फिर दूधिया क्यों छोडूं । (भंग लेकर २ नाते०-ठहरो बीबी, अन्तरा मुझे पीता है)
कहने दो।(रण्डीका प्रवेश ।)
बड़े सबेरे जो कोई छाने १ नातेदार--लो बी गौहरजान आर्गई। बाकी लंबी दीठ । (गानेके ढंगसे ) “आओ आओ मित्र ।” उड़त चिरैया वह पहचाने
२ नातेदार-( उसी स्वरमें ) " बैठिए गिरी सड़कसे ईट ॥ सिर आँखोंपर "
१ नाते--सबेरे फेर छनेगी भंग सबेरे ३ नातेदार-( उसी स्वरमें ) फेर छनेगीइश्ककी गोली बना कर
३ नाते०---सुनोबाम पर फेंका करूँ।
दुसरे पहरे जो कोई छाने तू मुझे देखे-न देखे
वाके लंबे कान। मैं तुझे देखा करूँ ॥
तवा कटोरा कलसी बेची ४ नातेदार-ठीक नहीं हुआ ( दूसरे धर लोटे पर ध्यान ॥
१ नाते-सबेरे फेर छनेगी भंग सबेरे फेर इश्ककी गोली बनाकर
छनेगी।-- बाम पर फेंका करूं।
४ नाते०--अरे मेरी भी तो सुनो-- तू मुझे देखे-न-देखे
तिसरे पहरे जो कोई छाने मैं तुझे देखा करूँ ॥
ज्यों भादौंकी कीच। ५ नातेदार-दे-ए-ए-ए-ए-ए । घरके जाने मर गये और '. दौलत०-वाह, यहाँ तो सभी उस्ताद हैं। आप नशेके बीच ॥ १ नाते-देखते क्या हो!
दौलत--अरे घरके जानें तो जाना करें, - २ नाते-बी गौहरजानको गाने दो। पर न मैं मरा हूँ और न नशेके बीचमें हूँ !
स्वरमें )
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