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जनहितपीके उपहार-ग्रन्थ
अब पूर्वनिश्चित मूल्यमे न मिलेंगे।
अब यदि आप मँगावेंगे तो, चार आने ज्यादह देना होंगे।
अर्थात अब दो रुपये सात आनेका बी. पी.
भेजा जायगा। इससे एक पैसा भी कम नहीं। चिट्ठी लिखते समय यह साफ़ साफ लिखना मत भूल जाइए कि उपहारके दो तरहके ग्रन्थोंमेंसे
कौन तरह के ग्रन्थ चाहिए: आत्मोद्धार और कठिनाईमें विद्याभ्यास
अथवा धर्मविलास और नेमिचरित । अपना ग्राम, पता, ग्राहक न० आदि साफ़ लिखिए
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