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वादिवेतालशांतिसूर
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[उत्तराधयनसूत्रपाइयटीका, बृहदशान्तिस्तव, जीवविचारप्रकरण, चैत्यवन्दनमहाभाष्य आदि के कर्त्ता वि० सं० १०९६ / ई० स० १०४० में मृत्यु
(सर्वदेवसूरि)
(विजयसिंहसूरि)
Hill
शांतिसूर
(सर्वदेवसूरि)
(विजयसिंहसूरि)
(शांतिसूरि )
सर्वदेवसूरि
शिवप्रसाद
विजयसिंहसूर
शांतिभद्रसूरि [द्वितीय]
पूर्णभद्रसूरि वि० सं० १०८४ / ई० स० १०२८ एवं वि० सं० १११० / ई० स० १०५४ में रामसेन स्थित जिनालय प्रतिमा प्रतिष्ठापक
नमिसाधु
[ इनके अनुयायी श्रावक यशश्चन्द्र ने वि० सं० १२५९ / ई० स० १२०३ में पार्श्वनाथ
की
धातु प्रतिमा बनवायी]
[वि० सं० १३१५ / ई० स० १२५९ ] प्रतिमालेख
शालिभद्रसूरि [ द्वितीय] वि० सं० ११३९ /
ई० स० १०८३ में
. सटीक बृहत्संग्रहणीप्रकरण के
रचनाकार
[वि० सं० १९२२ / ई० स० १०६५ में षडावश्यक सूत्रवृत्ति एवं वि० सं० ११२५ / ई० स० १०६८ में काव्यालंकारटिप्पन के रचनाकार ]
[वि० सं० १२८८ / ई० स० १२३२ ] प्रतिमालेख
[ महामात्य वस्तुपाल द्वारा वि० सं० १२९८ / ई० स० १२४२ में शत्रुञ्जय महातीर्थ पर उत्कीर्ण कराये गये शिलालेख में उल्लिखित सर्वदेवसूरि संभवत: यही हैं ]
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