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210 VAISHALI INSTITUTE RESEARCH BULLETIN NO. 2 युद्ध होता है। बाद में परिचय होने पर एक दूसरे के गले मिलते हैं। सीता, राम के अत्यन्त अनुरोध को अस्वीकार कर जैनदीक्षा लेकर तप करती है और १६वें स्वर्ग में स्थान पाती है। राम, अपने भाई लक्ष्मण की आकस्मिक मृत्यु से इतने दुःखी होते हैं कि छह महीने तक उनका शव अपने कंधों पर उठाए हुए घूमते रहते हैं, बाद में आत्मज्ञान लेने या जिनदीक्षा लेकर तपकर मोक्ष प्राप्त करते हैं । मानस की कथा
मानस की रामकथा आदिरामायण के ही अनुसार है। परन्तु उत्तरकांड में तुलसी रामराज्य के वर्णन के बाद शेष घटनाओं का उल्लेख नहीं करते। उसमें ७ कांड हो है। वाल्मीकि की रामकथा प्रसिद्ध है अतः उसका विवरण न देते हुए यहाँ इतना बताना ही काफी होगा कि 'चरिउ' के ५ कांडों से मानस की ७ कांडों की कथा का किस प्रकार समहार होता है ? 'चरिउ' का विद्याधरकाँड, मानस के बालकांड के समान है। दोनों की परम्परा यद्यपि भिन्न है। अयोध्या और सुन्दरकांड भी समान हैं, 'चरिउ' में आरण्य और किष्किधाकांड नहीं हैं, इनमें पहले की घटनाए अयोध्याकांड और दूसरे की सुन्दरकांड में आजाती हैं । उत्तरांकड, लगभग समान है।
पौराणिक मान्यता और दार्शनिकधारणा की भिन्नता के कारण चरिउ और मानस में निम्नलिखित प्रसंग भिन्न हैं। चरिउ
मानस (१) दशरथ की चार पत्नियाँ थीं। (१) दशरथ की ३ पत्नियाँ थीं। (२) जनक पर शवर म्लेच्छों द्वारा (२) पुत्रयज्ञ से पुत्रों का जन्म ।
आक्रमण । नारद का सीता पर कोप, (३) विश्वामित्र के साथ राम का और भामंडल आख्यान । ___ यज्ञ की रक्षा के लिए प्रस्थान । भामंडल (सीता का भाई) का अपहरण, सीता पर उसकी आसक्ति, धनुषयज्ञ द्वारा निपटारा। दशरथ की दीक्षा
(४) अहल्या का उद्धार । कैकेयी का भरत के साथ राम (५) धनुष यज्ञ ।
को समझाने जाना। (६) सीरकुटुम्विक से भेंट (६) सुमंत्र और केवट प्रसंग। (७) कवर नरेश और वालिखिल्या। (७) तापस प्रकरण ।
का आख्यान । (८) सिहोदर वज्रकर्ण प्रसंग। (८) भरत निषाद मिलन ।
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