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________________ प्रकाशकीय प्राचीन भारतीय भाषाओं एवं साहित्य में रुचि रखनेवाले अध्येताओं के लिए 'अपभ्रंश भारती' पत्रिका का उन्नीसवाँ अंक प्रस्तुत करते हुए प्रसन्नता है। 'अपभ्रंश भाषा' अपने मूलरूप में जनभाषा थी, कालान्तर में उसके साहित्यिक स्वरूप का विकास हुआ। इस प्रकार यह जनभाषा और साहित्यिक भाषा इन दोनों रूपों में सामने आई। अपभ्रंश भाषा को साहित्यिक अभिव्यक्ति के सक्षम माध्यम बनने का गौरव विक्रम की छठी शताब्दी में प्राप्त हुआ। साहित्यरूपों की विविधता और वर्णित विषय-वस्तु की दृष्टि से अपभ्रंश साहित्य बड़ा ही समृद्ध और मनोहारी है। ___अपभ्रंश भाषा के प्रचार-प्रसार एवं अध्ययन-अध्यापन के लिए दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्री महावीरजी द्वारा 'जैनविद्या संस्थान' के अन्तर्गत सन् 1988 में जयपुर में 'अपभ्रंश साहित्य अकादमी' की स्थापना की गई। अकादमी द्वारा अपभ्रंश भाषा के अध्ययन के लिए पत्राचार के माध्यम से 'अपभ्रंश सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम' तथा 'अपभ्रंश डिप्लोमा पाठ्यक्रम' संचालित हैं जो राजस्थान विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त हैं। इसके सुचारु अध्ययन व अध्यापन के लिए हिन्दी व अंग्रेजी भाषा में निम्नांकित पुस्तकें प्रकाशित हैं - 'अपभ्रंश रचना सौरभ', 'अपभ्रंश काव्य सौरभ', 'अपभ्रंश अभ्यास सौरभ', 'अपभ्रंश : एक परिचय', 'प्रौढ़ अपभ्रंश रचना सौरभ भाग-1' 'प्रौढ़ प्राकृतअपभ्रंश रचना सौरभ, भाग-2', 'अपभ्रंश ग्रामर एण्ड कम्पोजिशन (अंग्रेजी)', 'अपभ्रंश एक्सरसाइज बुक (अंग्रेजी)', 'अपभ्रंश पाण्डुलिपि चयनिका' आदि। अपभ्रंश भाषा के अध्ययन व लेखन के प्रोत्साहन हेतु अकादमी द्वारा 'स्वयंभू पुरस्कार' प्रदान किया जाता है। इसके प्रचार-प्रसार हेतु यह शोध-पत्रिका 'अपभ्रंश भारती' प्रकाशित की जाती है। __ जिन विद्वान लेखकों के लेखों द्वारा पत्रिका के इस अंक का कलेवर निर्मित हुआ उनके प्रति आभारी हैं। __पत्रिका के सम्पादक, सहयोगी सम्पादक एवं सम्पादक मण्डल धन्यवादार्ह हैं। मुद्रण के लिए जयपुर प्रिण्टर्स प्राइवेट लिमिटेड, जयपुर भी धन्यवादाह हैं। नरेशकुमार सेठी प्रकाशचन्द्र जैन मंत्री प्रबन्धकारिणी कमेटी, दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्री महावीरजी अध्यक्ष
SR No.521862
Book TitleApbhramsa Bharti 2007 19
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Gyanchandra Khinduka
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2007
Total Pages156
LanguageSanskrit, Prakrit, Hindi
ClassificationMagazine, India_Apbhramsa Bharti, & India
File Size7 MB
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