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________________ अपभ्रंश भारती 15-16 कथा मुख्यतः इस काव्य के चरित्रनायक नागकुमार की युद्धयात्रा की कथा है। जादू-विद्या का नगर- कल्प तोयावलि द्वीप की कथा तो विस्मयजनक है। उस द्वीप में सुवर्णनिर्मित नयनाभिराम जिनमन्दिर था। उसके समीप सत्पुरुष के समान वटवृक्ष विराजमान था, जिसकी जड़ें दृढ़ता से जमी हुई थीं। श्लेषमूलक अलंकार-बिम्ब का आश्रय लेते हुए महाकवि ने वटवृक्ष का रोचक मानवीकरण किया है। वटवृक्ष उस सत्पुरुष के समान था जिसके वंश का मूलपुरुष चिरस्थायी और यशस्वी होता है, जो अहेतुक उपकार करता है। जैसे कवि सत्पुरुषों की प्रशंसा करते हैं वैसे ही वटवृक्ष कपियों द्वारा सेवित था; मूल पद ‘कइसेविज्जमाणु' है, जिसके सभंग श्लेषार्थ ‘कवि-सेवित' और 'कपि-सेवित' दोनों ही हैं। जैसे सत्पुरुष द्विजों को फलदान करता है वैसे ही वह वटवृक्ष पक्षियों को अपने फल का दान करता था; द्विज शब्द भी विप्रवाचक और पक्षीवाचक है। जैसे सत्पुरुष दीन-दुखियों को अपने धन से सन्ताप-रहित करता है वैसे ही वह वटवृक्ष पथिकों के श्रमताप को अपनी छाया द्वारा दूर करता था (8.9)। उस अद्भुत वटवृक्ष से रगड़कर हाथी अपने गण्ड-स्थलों की खाज मिटाया करते थे। उस वृक्ष पर कुछ कन्याएँ उतरती थीं। वे अपने ऊपर होनेवाले अत्याचारों के लिए गुहार करती थीं। एक सुभट हाथ में गदा लिये उनकी रक्षा करता था। इसी क्रम में महाकवि ने आहारविद्या और संवाहिनी-विद्या की चर्चा की है। आहार-विद्या भोजन सुलभ कराती थी और संवाहिनी-विद्या आकाश में उड़कर देश-देशान्तर में जाने की शक्ति प्रदान करती थी। विद्या प्रदान करनेवाली देवी का नाम सुदर्शना था। इस प्रकार, महाकवि पुष्पदन्त ने नागकुमार की युद्धयात्रा के माध्यम से तत्कालीन भारतीय देशों और जनपदों, नगरों और ग्रामों, पर्वतों और जंगलों आदि को कथा की आस्वाद्यता के साथ रुचिर-विचित्र शैली में उपन्यस्त तो किया ही है, अनेक ऐतिहासिक साक्ष्यों की सामग्री भी परिवेषित की है, जिसका सांस्कृतिक दृष्टि से अनुशीलन स्वतन्त्र शोध का विषय है। 1. भारतीय संगीतवाद्य, डॉ. लालमणि मिश्र, भारतीय ज्ञानपीठ, दिल्ली। पी.एन. सिन्हा कॉलोनी भिखना पहाड़ी, पटना
SR No.521860
Book TitleApbhramsa Bharti 2003 15 16
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Gyanchandra Khinduka
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2003
Total Pages112
LanguageSanskrit, Prakrit, Hindi
ClassificationMagazine, India_Apbhramsa Bharti, & India
File Size7 MB
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