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________________ 126 अपभ्रंश भारती -9-10 अपभ्रंश भाषा में सबसे अधिक रचना करनेवाले कवि रइधू हैं। इनके 25 ग्रंथों का उल्लेख मिलता है। पद्मपुराण (15वीं शती ई.) अपभ्रंश भाषा में जैन रामकथा परम्परा को आगे बढ़ानेवाला तृतीय एवं अन्तिम ग्रंथ है। यह ग्रंथ अप्रकाशित है, जिसकी हस्त-लिखित प्रतियां आमेर शास्त्र भण्डार में सुरक्षित हैं। इसमें रामकथा का सामान्य कथन है। इनकी अन्य कृतियाँ सुकौशलचरित्र, आत्मसंबोधकाव्य, धनकु मार चरित्र, मेघेश्वर चरित्र, श्रीपालचरित्र, सन्मतिजिनचरित्र आदि हैं । इनकी भी हस्तलिखित कृतियां आमेर भण्डार में उपलब्ध हैं। ___ अपभ्रंश में रामकथात्मक साहित्य परिमाण में कम होते हुए भी भाव एवं कला की दृष्टि से अत्यंत उत्कृष्ट है। 1. त्रिविधिं तच्च विज्ञेयं नात्ययोगे समासतः। समान-शब्दं विभ्रष्टं देशीगतमधापि च॥ नाट्यशास्त्र 17/2-3 • देसी-भासा उभय-तडजल । क वि दुक्कइ घण-सहू-सिलायल ॥ 1/2/4. पउमचरिउ, • पालितएव रइया वित्थरओ तह व देसिवयणेहि। णामेण तरंगवह कथा विचित्ता य विउला य॥ पादलिप्त, तरंगवती कथा • हिन्दी साहित्य का बृहत् इतिहास - प्रथम भाग सं. राजबली पाण्डेय, पृ. 315. 2. अपभ्रंश साहित्य - डॉ. हरिवंश कोछड़, पृ. 34. • महाकवि पुष्पदंत - डॉ. राजनारायण पाण्डेय, पृ. 18. 3. हिन्दी साहित्य का इतिहास-आ.रामचन्द्र शुक्ल, भूमिका, पृ. 3. 4. हिन्दी साहित्य का आदिकाल - डॉ. हजारी प्रसाद द्विवेदी, पृ. 11. 5. डॉ. नामवर सिंह - हिन्दी के विकास में अपभ्रंश का योगदान, पृ. 175-176. . . 6. पउमचरिउ भाग 1- भूमिका (सम्पादक भायाणी) पृ. 16. 7. पुणु रविसेणायरिय - पसाए (बुद्धिएं अवगाहिय कइराएं ॥ 1/2/9 पउमचरिउ 8. अपभ्रंश साहित्य, डॉ. हरिवंश कोछड़, पृ. 67. 9. अपभ्रंश भाषा और साहित्य, डॉ. देवेन्द्रकुमार जैन, पृ. 231. 10. महाकविपुष्पदन्त : डॉ. राजनारायण पाण्डेय, पृ. 99. 11. वही, पृ. 101. 12. हिन्दी साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास, डॉ. रामकुमार वर्मा, पृ. 113. 13. अपभ्रंश साहित्य, डॉ. हरिवंश कोछड़, पृ. 116. द्वारा - श्री यू. के. जैन सैण्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया कोर्ट रोड, सहारनपुर - 247001
SR No.521857
Book TitleApbhramsa Bharti 1997 09 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Gyanchandra Khinduka, Gopichand Patni
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year1997
Total Pages142
LanguageSanskrit, Prakrit, Hindi
ClassificationMagazine, India_Apbhramsa Bharti, & India
File Size10 MB
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