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अपभ्रंश भारती - 9-10 74. वही, 5.80.81 75. वही, 5.80.9। 76. 'पउमचरिउ' 5.80.11 । 77. वही, 5.81.2। 78. वही, 5.81.7। 79. वही, 5.82.18। 80. वही, 5.83.111 81. वही, 5.83.14। 82. 'पउमचरिउ', 1.1.6। 83. मागह-भासएँ कहइ भडारउ ।
मइँ जेहउ छक्खण्ड-पहाणउ। भरह-णराहिउ एक्कु जि राणउ ॥ पइँ विणु दसंहोसन्ति णरेसर । मइँ विणु वावीस वि तित्थंकर ॥ णव बलएव णव जि णारायण। हर एयारह णव जि दसाणण ॥ अण्णु वि एक्कुणसट्ठि पुराणईं। जिण-सासणे होसन्ति पहाणईं।
-वही 1.5.9। 84. वही, 1.2.13। 85. वही, 2.25.8। 86. 'पउमचरिउ', 2.32.4,5। 87. वही, 2.38.71 88. वही, 2.40.11 89. 'पउमचरिउ' 2.41.6। 90. सच्चउ णारायणु अट्ठमउ। दहवयणहों चंदु व अट्ठमउ॥
मायासुग्गीउ जेण वहिउ। हलहरु अट्ठमउ सो वि कहिउ ॥ वही, 3.45.10 91. वही, 3.54.151 92. वही, 4.71.111 93. वही, 4.72.8। 94. 'पउमचरिउ', 5.78.11। 95. वही, 5.80.13। 96. वही, 5.81.2। 97. वही, 5.85.12।