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अ : १ ]
તીર્થ યાત્રા સ્તવન
बावन्न,
मोहतिमिर दिणकरू, नभारद जिण पुंडरीक गणधारु, बंदउ पूयउं बिहु त्रिहु मंडप मज्झारि, कोडा कोडिहि जिण देहरी हिं अष्टापद जिणवर विरहमाण जिणबिंब, पंचर पंडव पूर आदिजिणेसर पाय, राइणि हेठिहिं खरतरवसही बिंब, आदि गन्भारह बीजइ नेमि जिणिंदु, त्रीजर कल्लाणत्तय बिंब, बाहत्तर देहरीय पंच मेह मज्झारि, जिणवर पणनउं अष्टापद सम्प्रेत, नंदी सरि खाते बिवह सोलसाई, aaraat सवि (वस्तु) - विमलगिरवरि विमल गिरवर, बिब
पास
बावन्न ।
जिणेसर |
खेचरो ।
नंदीसरि हरa भरि, इन्द्रमंडप मंडिय सिरि सरगारोहिणिहिं, रिसनाहु नमिविनमि बाल्हावसही sastra, ४ छिपावसही बिंब | बंदउं आ देलु संतिजिणु मरुदेवी सवि बिंव ॥ १८ ॥ महूयई ए वीरु ऊनेवि, अजाहरि सिरियासजिणु । दीवहिं कुरि- विहारि, रिसदजिण अदबुद आदि जिण । पाल ए पाय नमेवि, कोडियनारिहिं नेमिजिणु । देवअपाटणि देवः, चंद हसामिय पाणुि ॥ १९ ॥ नवकरू ए नमउ सिरिपाल, मंगलकरु मंगल पुरेहिं । वीर ए वउणथलीयंमि, जूनइगढि सिरिपासपहु || चडि ए गिरिनिरनारि, दीठउ नयणिर्हि नेमिजिणु । नाउ प भवसय पावु, जगगुरु जागिर पुन गणु ॥ २० ॥ धनु धनु प आजु हउ नाह, जम्मह मई फलु लद्धपहो । बावन ए देहरी बिंब, वस्ति-वसहहिं आदिपहो । कल्याण त्रप नवि जिणनेमि, अष्टापद सम्मेतगिरे । चंद प तित्थ जिगबिंब, सांब पजून अचलोयमिरे ॥ २१ ॥ अवुद परिसह जिणु नेमि, तारणि तारणु अजियजिणु । ईडरीप आदि जिनिंदु, मुनिसुव्वय भरुयच्छि जिणु ॥ लोडणु प पासु पणमेसु, सेरीले पो सिद्धिकरो । धवलकई ए पासु कलिकुण्ड, जिणहावसहीय पासवरो ॥ २२ ॥ ( वस्तु ) - खंभनयरिहिं खंभनयरिहिं, पास जिणनाहु | विहिचेय अजियजिणु, पमुह देव चउवीस चंदउ ।
१ देखि करे २ तहि ३ मोल्हा ४ छिपग ५ रिसह चंदपह अजयजिण ६ गढ
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[ २१
सीलमप ।
गमए ॥ १२ ॥
थुणउं । नमउं ॥ १३ ॥
करे ।
बंदि करे ॥ १४ ॥ आदिजिणुं ।
पसन्नमणु ॥ १५ ॥ ठि ।
पण असीय ॥ १६ ॥ गिणउं ।
नमउं ॥ १७ ॥