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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org. Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir [ ટાઈટલના બીજા પાનાથી ચાલુ] (५) जैन साधु वस्तुतः मिक्षुक नहीं हैं; क्योंकि वे रात दिन ज्ञान ध्यान में लगे रहने के अतिरिक्त साहित्यिक प्रवृत्ति और जनकल्याण के निमित्त उपदेश देने के कार्य में अपने आपको संलग्न रखते हैं । (६) जैन साधु बोड़ो, तम्बाकू, पान, भांग, गांजा, चरस आदि समस्त व्यसनों से सर्वथा रहित रहते हैं । नाटक, सिनेमा आदि की तो बात ही दूर है। (७) जैन साधु हमेशा ही पैदल भ्रमण करते हैं। तांगा, घोड़ा, साइकिल, ऊँट, मोटर, रेल आदि किसी भी सवारी का उपयोग नहीं करते हैं। (८) अपने उपयोग के लिये मात्र मर्यादित वन रखते हैं और यहां तक कि धातु के पात्र भी काम में नहीं लाते हैं। काठ के पात्र का ही उपयोग करते हैं । ( ९ ) पैसा और स्त्री दोनों से दूर रहते हैं। अपनी सगी माता या एक दिन की लड़की क्यों हो, वे उसका स्पर्श भी नहीं कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त वे वनस्पति और फल फूल का स्पर्श नहीं कर सकते हैं। (१०) भिक्षा लाने के लिये जो ४२ नियम बने हैं, उनका कठोरता से पालन करना जैन साधुओं के लिये अनिवार्य है । इस प्रकार के त्यागी, संयमी और लोकोपकारी साधुओं को भिक्षुओं में समावेश करके उन पर बेगर्स बिल लागू करना अनुचित और अन्यायपूर्ण होगा। इसलिये मेरा अनुरोध है कि सभा यदि इस बिल को पास करना ही चाहती है, तो जैन साधुओं पर बिल लागू न हो सके, ऐसा सुधार करके यह बिल पास किया जावे । “વિશાલભારત”ના પુરાતત્ત્વાંક કલકત્તાથી પ્રસિદ્ધ થતા ‘વિશાલભારત' માસિકે એક પુરાતત્ત્વ-અક પ્રગટ કરવાનું નકકી કર્યુ છે. આ અકના એક સમ્પાદક પ્યુ. મ શ્રી. કાંતિસાગરજી છે. આ અંકમાં જૈન વિદ્વાના તરફથી જૈન પુશતત્ત્વ સંબંધી લેખા આપવામાં આવે એ જરૂરી અને ઇચ્છનીય છે. એટલે પૂજ્ય મુનિવર તેમજ ખીજા જૈન વિદ્વાનાને વિનંતી છે કે તેઓ પેાતાના तेथे ता. १५-२-४८ पडेसां नीचेना सरनामे ४३२ भोली मा. 'यू भु. म. श्री अंतिसागरल C/o વિશાલભારત કાર્યાલય १२० | २२ सरयूहर रोड, सत्ता. For Private And Personal Use Only
SR No.521639
Book TitleJain_Satyaprakash 1948 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaindharm Satyaprakash Samiti - Ahmedabad
PublisherJaindharm Satyaprakash Samiti Ahmedabad
Publication Year1948
Total Pages28
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Satyaprakash, & India
File Size13 MB
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