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२४.1 श्रीन सत्य प्रस
२ सिंही-हष्टिनोः सनन्दनयोः संवाद, ६ गोधुम-चणकयोः संवाद, ७ पंचानामिद्रियाणां संवाद, ८ मृग-मदनयोः संवाद, ९ दानादिचतुष्कसंवाद-ये ९ संवाद गवमें लिखे गये है। पं. होरालालने जामनगरसे इसे प्रकाशित किया था। फुटकर पत्रोंमें ज्ञानक्रियासंवाद एवं कल्पसूत्रकी टीकामें "करसंवाद" पाया जाता है । लोकभाषामें रचित संवादोंकी अधिकता है, पर उनमेंसे दानादि चौढालिया (संवाद शतक) समयसुन्दरजी रचित, पंचसमवाय स्तवन (संवाद) विनयविजयजीरचित एवं यशोविजयजीरचित · समुद्र-वहाण संवाद ' के अतिरिक्त सभी अप्रकाशित हैं, अतः इस लेखमें ज्ञात संवादोंकी सूची दी जा रही है । आशा है इन्हें एवं इनके अतिरिक्त जो भी संवाद प्राप्त हों उन्हें शोध ही प्रकाशित किया जायगा।
लोकमाषामें रचित जैन संवाद १ अंजनासुंदरी संवाद सं. १६८९ ।।
लुणसागर २ आंखि-कान संवाद
सहजसुंदर
(हमारे संग्रहमें है) ३ उद्यम-कर्म संवाद सं. १६९८ लगभग
कुशलधीर - ४ करसंवाद सं. १५७५
लावण्यसमय ५ करसंवाद सं. १७४७ आखातीज, अभयसोम (हमारे सग्रहमें है) ६ कस्तुरी-कर संवाद
मुनिशील. ७ काया-जीव गाथा २५
दाम
(नैन !) .८ कृपणनारी , गाथा ८१५वीं शताब्दि लिखित ९ गोरी-सांवल गीत गाथा ६३
लावणसमय१० जीभ-दांत संवाद गाथा ४१ सं. १६४३ बीकानेर
हीरकलश ११ दानादि , शतक सं. १६६२ .
सांगानेर समयसुन्दर १२ नेमिराजमती , (चौक) सं. १८३९
अमृतविजय १३ पंच समवाय , स्तवन
विनयविजय १४ पंचेन्द्रिय , चौपाई सं. १७५१ भा. सु. २ आगरा बालचन्द्र १५ पंचेन्द्रिय , चौपाई
रूपचन्द्र १६ मोती कपासिया संवाद सं. १६२६ ।
हीरकलश १७. सं. १६८९ फलौदी
श्रीसार १८ योवन जरा
सहजसुन्दर १९ रावण मंदोदरी " सं. १५६२
लावण्यसमय २० " " ,
राजकवि (आदि पत्र संग्रहमें) २१ , , ,
जिनहर्ष २२. " "
सुधनहर्ष
सेनापुर
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