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________________ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org २] શાહ કેશરીચંદજી સુરણ [७] __ "रु. ३०० शाह केसरीचंद को रतनगढ की हाकमी इनायत की मोतीयों को चौकड़ा का दिया खजानची भालचंद्र से दरवाया सं. १९०२ कार्ती वदि ५।" महाराजा रतनसिंहजी ने आपकी सेवाओं पर बहुत खुश होकर आपको कई गांव प्रदान किये थे । उनका नाम, संवत, मितिवार इस प्रकार सिक्कों में लिखा है। ॥ गांव खोथड़ी साह केसरीचंद का पटे था सो वहाल रखा सं. १८९८ आसाड वदि १ ॥ गांव दांकर साह केसरीचंदको पटे दिया सं. १९०० फागण वदि ९ ॥ गांव धाकर साह केसरीचंद को पटे दिया सं. १९०७ माघ वदि ९ आपके घर जो धान, मूंग, गेहूं, घी आदि आता था उस पर जकात नहीं लगती थी। यह बात एक रुक्के में है । इन सब बातों से पता चलता है कि महाराजा रत्नसिंहजी की आप पर असीम कृपाथी। ... कप्तान विलियम फार्टर बहादुर आपका बहुत सम्मान करते थे। वि. सं. १९०४ में मि. फार्टर ने आपको एक पत्र दिया था, जो विशेष महत्त्व का होने की वजह से उसकी अविकल नकल यहां दी जाती है । यह पत्र शाह श्री सेंसकरगजी जतनलालजी सुराणा के पास सुरक्षित है। श्री रामजी...... सिघ श्री सर्वोपमान साहब श्री केसरीचन्दजी जोग लिखतु कप्तान विलियम फास्तर साहब बहादर केन मुजरा बंचजो । अठेका समाचार भला छै तुम्हारा सदा भला चहीजै। अप्रंच कागद तो पहली वारते आगे तुमारे को गांव बरजू में जोधसर का डेरा लिखा था सो थे बरजू आया हो होगा और हम भी धाड़यां के खोज की लार बागड़सर आज पहुँचे हैं.. ___ और खबर आइ कि कुछ घोडे असवार आदमी धाड़यां का हमारे असवारां ने राणासर की तरफ पकड़े और धाड़वी आगाने खेरखूसर की तरफ गए सो हम कल गुदे गांव जावेंगे और उठे जाकर तजबीज करवा में आवेगी। थे बाँचतां कागद गुढा गांव में कल हमारे पास पहुँचा जरूर रहियो और जो आदमी घोडा उंठ धाडयां का थे पकड़या छै सो हमारे पास लेता आयो जहन जाबता सु वासुं अहवाल घाड़यां का आछी तरै सु पाय | जासी सु ढील ना करीजो जरूर आजो । चैत्र सुदी १५ सं. १९०४+ विलियम फास्टर बहादुर के अंग्रेजी में हस्ताक्षर + अगले अंको में शा. माणिकचंदजी लालचंदजी का जीवन चित्रण प्रकाशित करने की भावना है। For Private And Personal Use Only
SR No.521563
Book TitleJain Satyaprakash 1940 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaindharm Satyaprakash Samiti - Ahmedabad
PublisherJaindharm Satyaprakash Samiti Ahmedabad
Publication Year1940
Total Pages44
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Satyaprakash, & India
File Size21 MB
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