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श्री
सत्य माश-विशेषां
[વર્ષ :
उपदेश से मैंने संसार की असारता समझ ली है। अब मैं माता-पिता की आज्ञा लेने जाता हूँ और जहाँतक मैं पीछा न लौटुं वहां तक आपश्री कहीं अन्यत्र विहार न करें यह मेरी विज्ञप्ति है।
कालक-कुमार घर आया और माता-पिता के समक्ष हाथ जोड कर खडा हुआ | माता-पिताने पुत्रको शुभाशिष दी और घोडों के सम्बन्ध में पूछा परन्तु कुमारने इस बात को टाल दी और माता-पिता से सविनय निवेदन करने लगा किः--पूज्यवरों! मैंने आज से संसार की असारता सम्पूर्ण रीत्या समझ ली है । अतः अब मेरी प्रबल इच्छा दीक्षा लेने की है । अतएव मुझे चारित्र लेने की आज्ञा दीजिये । पुत्र के ये वचन सुन माता-पिता स्तब्ध हो गए। उन्होंने कुमार कालक को साधु धर्म में रहे हुए कष्टों को सुनाकर भाँति भाँति से समझाया परन्तु कुमार पक्के रंग में रंगा हुआ था । कुमार के दृढ निश्चय को देखकर माता-पिता को अनुमति देनी पडी। भाई का उत्कृष्ट वैराग्य देख राजकुमारी सरस्वती ने भी दीक्षा लेने की ठान ली।
राजा वज्रसिंह ने महान उत्सव पूर्वक अपने पुत्र-पुत्री को दीक्षा दीलाई । तत्पश्चात् माता-पिताने कहा कि “यह तुम्हारी बहिन है, अतः इसकी ठीक तरह से संभाल रखना-रक्षा करना"
कालक-कुमार अल्प समय ही में व्याकरण, न्याय, साहित्य, अलंकार, छंद, ज्योतिष तथा मंत्र-तंत्रादि में निपुण होगए । गुरु महाराज ने कालक-कुमार को आचार्यपद के योग्य समझ आचार्यपद से अलंकृत कीया । तब से ये कालकाचार्य के नाम से प्रसिद्ध हुए। __ कालकाचार्य अनेक साधुओं के साथ विहार करते हुए उज्जैनी के बहार किसी उद्यान में ठहरे । उसी अरसे में सरस्वती साध्वीजी भी ग्रामानुग्राम विचरती हुई उज्जैनी में आई । वह प्रतिदिन आचार्यश्रीका व्याख्यान सुनने के लिए बाहर उद्यान में जाया करती थी।
उस समय उज्जैनी का राजा गर्दभिल्ल था । वह महा विषयी तथा दुराचारी था । एक समय इसकी दृष्टि सुरूपवती बालब्रह्मचारिणी साध्वी सरस्वती पर पडी । वह उस पर मोहित होगया । महल में आते ही उसने अपने सेवक भेजकर उस साध्वी को अपने अंतेउरमें पकड मंगवाई । पकडते समय सरस्वती खूब चिल्लाई और आक्रन्द करने लगी। उसके साथकी दूसरी साध्वीयें, तत्काल कालकाचार्य के पास आई और सरस्वती के संकट की सर्व हकीकत निवेदन की। कालकाचार्य की आँखों में क्षत्रिय रक्त की अरूणिमा चमकने लगीः “प्रजाका पालक एक राजा,
जगत का कल्याण करनेवाली बालब्रह्मचारिणी साध्वी के उपर इस प्रकार ___Jain Education International-a , Rar