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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ૧૯૯૩ www.kobatirth.org પુરાતન ઇતિહાસ અને સ્થાપત્ય Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir For Private And Personal Use Only ૪૫૧ संग्राहक श्रीयुत नन्दलालजी लोढा (२) मांडवगढ संबंधी लेख (४) मांडवगढ में श्री जैन श्वे. कारखाने के सामने लाल महल का रास्ता (रेड) जाता है, करीब दा फर्लांग की दूरी पर रास्ते के बांये हाथ पर टुटी फुटी हालत का एक मंदिर मालूम हुवा, जिसमें मूल गभारे के तीन दरवाजे के तीन होस्से अब तक दीखते हैं और प्रतिमा वगैरह स्थापित नहीं है, पर प्रतिमाजी के पीछे प्लास्तर अब भी टिको हुवा है, आसपास भमती बनी हुई है। मूल गभारे के आगे सभामंडप का घूमच गिर गया है। आसपास दीवार खडी हुई है । मंदिर के आसपास चौक बहुत है जो यह पता बताते हैं कि इसके पास उपासरा वगैरह बने होंगे। एक टांका भी चौक में है। मंदिर के पीछे कुछ दूरी पर एक बावडी है जो इस समय बिरान हालत में है और उसमें पानी भरा हुवा है । उस जमाने में इस बावडी के पास बगोचा होगा ऐसा बावडी के पास के चौक से अनुमान होता है । (५) ॥ सं० १५९७ वर्षे माघ सु० १३ खौ श्री मंडपे श्रीमालज्ञातीय ० ऊदा भा० हर्षू सा० खीमा भा. पूंजी पु० सा० जेगसी भा० माऊ पु० सा० गोल्हा भा० सापा पु० मेघा पु० कर्णा लघु भ्रातृ सं० राजा भार्या सागू पु० सं० जावडेन भा० धनाई जीवादे सुहागदे सत्तादे धनाई पुत्र सं० हीरा भा० रमाई सं० लालादि कुटुम्ब - तेन विम्बं कारापितं निजश्रेयसे श्रीकुन्थुनाथ बिम्बं कारितं प्रतिष्टितं तपागच्छे श्री मन्दसूरिसन्ताने लक्ष्मीसागरसूरिपडे श्रीसुमतिसाबुसूरिभि: ॥ यह लेख आगरा के श्री सूर्यप्रभस्वामीजी के मंदिर मोटी कटरा में धातु की पश्चतीर्थ पर है। (६) संवत १५२१ वर्षे ज्येष्ठ सुदी ४ मण्डपदुर्गे प्राग्वाट सं० अजन भा० टक्कू सुत सं० वस्ता भा० रामा पुत्र सं ० चाहाकेन भा० जीविणि पुत्र संभाग आडादि कुटुम्बयुतेन स्वश्रेयसे श्री चन्द्रप्रभ २४ पर का० प्र० तपापक्षे श्रीरत्नशेखरसूरिपट्टे श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभि: ॥ यह लेख नागौर (मारवाड) के श्री ऋषभदेवजी के बड़े धातु की चौवीसी पर है। नं ५ व ६ के लेख की नकल " जैन लेख संग्रह " संग्रहकर्ता - बाबू पूरणचंदजी नाहार कलकत्ता निवासी के पुस्तक से लेखांक १४७२ व १३१४ से गई है। मंदिर - हीरावाडी में उद्धृत की क्रमश :
SR No.521519
Book TitleJain Satyaprakash 1937 03 SrNo 20
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaindharm Satyaprakash Samiti - Ahmedabad
PublisherJaindharm Satyaprakash Samiti Ahmedabad
Publication Year1937
Total Pages46
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Satyaprakash, & India
File Size20 MB
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