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भगवान् महावीर की जन्मस्थली नालंदा कुण्डलपुर-आगमसम्मत नहीं
-डॉ. राजेन्द्र कुमार बंसल 'दिगम्बर जैन त्रिलोक शोध संस्थान', जम्बूद्वीप हस्तिनापुर द्वारा प्रकाशित वीर 'ज्ञानोदय ग्रन्थमाला' का पुष्प नं. 189 चौबीस कल्पद्रुमविधान', दिसम्बर 1999 मेरे समक्ष है, जिसके पृष्ठ नं. 149 में भगवान महावीर का जन्मस्थल 'भरतक्षेत्र के 'विदेह' नामक देश-सम्बन्धी कुण्डपुर' बताया गया है। लेखिका ब्र. सारिका जैन (संघस्थ) हैं। सम्पूर्ण स्मारिका वर्ष 1997 संस्थान की विभूतियों की प्रशस्ति से महिमामंडित है। स्पष्ट है कि वर्ष 1999 तक हस्तिनापुर का उक्त संस्थान विदेह-कुण्डपुर को महावीर की जन्मस्थली स्वीकारता था। संस्थान के अन्य प्रकाशन भी देखे जा सकते हैं। . भगवान् महावीर के 2500वें निर्वाण-महोत्सव-काल में दिल्ली में विराजित जैनाचार्यशिरोमणी आचार्यश्री देशभूषण जी मुनिराज द्वारा सन् 1974 में 'भगवान् महावीर और उनका तत्त्वदर्शन' नामक वृहतकाय-ग्रंथ प्रकाशित किया/करवाया। इसकी प्रस्तावना श्री पं. सुमेरु चन्द दिवाकर, सिवनी द्वारा लिखी गयी। इस ग्रंथ की सम्पूर्ण विषय-वस्तु कुण्डपुर-वैशाली को समर्पित है। इसमें बाबू डॉ. कामता प्रसाद जी के वर्ष 1929 एवं 1932 में प्रकाशित क्रमश: 'भगवान् महावीर और महात्मा बुद्ध' तथा 'दिगम्बरत्व और दिगम्बर मुनि', नवलशाहकृत 'वर्द्धमान चरित्र', 'गौतम चरित्र' जैसी शोध-खोज भरी रचनाएँ अविकल प्रकाशित हैं। इन सभी में ठोस-प्रमाणों सहित भगवान् महावीर की जन्मस्थली वासोकुण्ड-बसाड़ (कुण्डपुर-वैशाली) सिद्ध किया है। प्रस्तावना-लेखक श्री दिवाकर जी एवं आचार्यश्री एकमतेन इससे सहमत थे, अन्यथा उनका प्रकाशन सम्भव भी नहीं था। जन्मस्थली की खोज में किन-किन जैन-विद्वान्-मनीषियों का योगदान था, इसका विवरण दिशाबोध' अक्टूबर 02 अंक, जैन सन्देश' 02 अक्टूबर एवं समन्वयवाणी' अक्टूबर 02 (प्रथम) में देखा जा सकता है। __जिनेश्वरी दीक्षा धारणकर कुछ नया कीर्तिमान करने की मंगलकामना से आर्यिका चन्दनामती जी हस्तिनापुर का आलेख 'भगवान् महावीर की जन्मभूमि-कुण्डलपुर' 'अर्हत्-वचन', अप्रैल-जून 2001 में प्रकाशित हुआ। आलेख में प्रज्ञाश्रमणी जी ने नवीन
प्राकृतविद्या अक्तूबर-दिसम्बर '2002
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