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________________ 'अहिंसा-स्थल' में महामस्तकाभिषेक-समारोह सम्पन्न धर्मप्राण देश भारतवर्ष की राजधानी नई दिल्ली के सुप्रसिद्ध धार्मिक केन्द्र 'अहिंसा-स्थल' के सुरम्य परिसर में लघु पर्वत-शिखर पर विराजमान जैनधर्म के चौबीसवें तीर्थंकर भगवान् महावीर की 13 फुट उत्तुंग पद्मासन-प्रतिमा का द्वादशवर्षीय महामस्तकाभिषेक-महोत्सव भव्य-समारोह-पूर्वक दिनांक 18 नवम्बर 2001, दिन रविवार को सानन्द सम्पन्न हुआ। ___परमपूज्य आचार्यश्री विद्यानन्द जी मुनिराज के पावन सान्निध्य में आयोजित इस समारोह में पूज्य उपाध्याय श्री श्रुतसागर जी, मुनिश्री निर्णयसागर जी, मुनिश्री ऊर्जयन्तसागर जी. भट्टारक श्री चारुकीर्ति जी (मूडबिद्री) आदि व्यक्तित्वों की उपस्थिति से विशेष गरिमा बढ़ी। ___ सन् 1989 में प्रतिष्ठापित इस प्रतिमा का यह 'प्रथम महामस्तकाभिषेक महोत्सव' था। धर्मप्राण लाला प्रेमचंद जी जैन, जैना वॉच कं० ने उत्तर-भारत की इस गौरवशाली प्रतिमा का निर्माण कराके मूर्धन्य विद्वान् पं० नाथूलाल जी शास्त्री इन्दौरवालों से इसकी प्रतिष्ठाविधि करायी थी। इस आध्यात्मिक वातावरण में केसरिया वस्त्रों एवं मुकुट-हार आदि से सुसज्जित इन्द्र-इन्द्राणियों को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मानो साक्षात् स्वर्ग ही धरती पर उतर आया हो। भक्तिरस से ओतप्रोत इस भव्य आयोजन में प्रात: 6.00 बजे से दोपहर 1.00 बजे तक समागत दस हजार से अधिक धर्मश्रद्धालुजनों ने लगातार मस्तकाभिषेक का मनोहारी दृश्य देखा तथा पूज्य सन्तों एवं विद्वानों के मंगल-प्रवचनों का लाभ लिया इस सुअवसर पर पूज्य आचार्यश्री विद्यानन्द जी मुनिराज ने जैनधर्म एवं संस्कृति का विशद परिचय देते हुये धर्मप्रभावना के कार्यों का महत्त्व प्रभावी रीति से प्रतिपादित किया तथा तीर्थंकर भगवान् महावीर स्वामी का जीवनवृत्त भी मर्मस्पर्शी शब्दों में समझाया। सभा को पूज्य उपाध्याय श्री श्रुतसागर जी एवं मुनिश्री निर्णय सागर जी ने भी सम्बोधित किया। समागत विशिष्ट विद्वानों में पं० प्रकाश हितैषी शास्त्री, दिल्ली; डॉ० हुकमचन्द भारिल्ल, जयपुर; डॉ० सुदीप जैन, दिल्ली एवं डॉ० वीरसागर जैन आदि ने अपने व्याख्यानों द्वारा जैनतत्त्वज्ञान एवं प्रसंगानुकूल विषयों का सरल शब्दों में ज्ञान प्रदान किया। सभा में भक्तिरस प्रवाहित करनेवालों में सर्वश्री हरिचरण वर्मा, श्रीमती अनीता जैन, श्रीमती शालिनी जैन, श्रीमती सुनीता गोधा एवं श्रीमती रंजना जैन का भी सराहनीय योगदान रहा। ___इस समारोह के संयोजन में श्री सतीश चन्द जैन (आकाशवाणी) ने महीनों अथक श्रम किया तथा अहिंसा स्थल के न्यासीगणों ने भी समर्पितभाव से कार्य किया। समारोह में आगत विशिष्टजनों में सर्वश्री साहू रमेशचन्द्र जी जैन, श्री चक्रेश जैन (बिजलीवाले), श्री त्रिलोकचंद कोठारी, श्री डालचंद जी जैन (पूर्व सांसद), श्री सतीश चन्द जैन (SCJ), श्री निर्मल कुमार सेठी, श्रीमती सरयू दफ्तरी, मुम्बई; श्रीमती सरिता जैन, चेन्नई; श्री शीलचन्द जी जौहरी, श्री कैलाशचन्द जी जैनावॉच कं०, श्री ताराचन्द्र जी प्रेमी, श्री स्वदेश भूषण जैन आदि प्रमुख थे। सभा का संचालन डॉ० सुदीप जैन ने किया। __महामस्तकाभिषेक की विधि प्रो० टीकमचंद जैन, दिल्ली एवं श्री राजेन्द्र उपाध्ये कुंदकुंद भारती द्वारा सम्पन्न करायी गयी। इसमें 1008 कलशों से भगवान महावीर की इस 10 106 प्राकृतविद्या अक्तूबर-दिसम्बर '2001
SR No.521367
Book TitlePrakrit Vidya 2001 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajaram Jain, Sudip Jain
PublisherKundkund Bharti Trust
Publication Year2001
Total Pages124
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Prakrit Vidya, & India
File Size15 MB
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