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शाकाहारियों के लिये ब्रिटेन में बीमा सस्ता होगा
भारत में शाकाहारियों की अच्छी खासी तादाद है, मगर उनकी असली कद्र ब्रिटेन में ही है, जहाँ राष्ट्रीय शाकाहारी सप्ताह मनाया गया। शाकाहार सप्ताह के दौरान एक ब्रिटिश बीमा कंपनी ने शाकाहार के प्रति इन लोगों का प्रेम और भी बढ़ा दिया है। इस बीमा कंपनी ने शाकाहारियों से मांसाहारियों की अपेक्षा कम-प्रीमियम लेने का फैसला किया है। उसका मानना है शाकाहारियों के साथ रिस्क फैक्टर मांसाहारियों की अपेक्षा कम होता है। यह ठीक उसी तरह से जैसे धूम्रपान करनेवालों में बीमा-कंपनियाँ अधिक प्रीमियम वसूलती हैं, क्योंकि उनके जल्दी मरने का जोखिम आम- लोगों की अपेक्षा अधिक होता है।
लंबे समय से शाकाहार का समर्थन करनेवाले और 'एनिमल फ्रेंड्स इनश्योरेंस कंपनी' के डायरेक्टर क्रिस फेयरफैक्स बताते हैं कि ब्रिटिश बीमा कंपनियों ने अब तक शाकाहार और सेहत पर उसके असर को पहचाना नहीं है। हमने शाकाहारियों के लिए कम प्रीमियम की योजना शुरूकर इस बात पर मुहर लगाई है कि शाकाहारी-लोग मांसाहारियों की अपेक्षा अधिक स्वस्थ और लंबा-जीवन जीते हैं। ब्रिटेन में लगभग 40 लाख लोग शाकाहारी हैं। फेयरबैक्स बताते हैं कि उनकी वेजिटेरियन पॉलिसी का 60 फीसदी हिस्सा एशियाई लोगों में बेचा जायेगा। ___ वह बताते हैं कि पिछले दिनों एक शाकाहारी भारतीय-व्यापारी मेरे पास अपना 15 लाख पौंड का बीमा करवाने आया था। उसे इस बात पर बेहद आश्चर्य हुआ, जब उसे मालूम हुआ कि यहाँ से उसे किसी भी जगह की तुलना में करीब आधा प्रीमियम ही देना होगा। वैसे अब हर कोई इस बात को मान रहा है कि शाकाहारी-लोग सेहत के मामले में अधिक सुरक्षित होते हैं, इसलिए बीमा कराने पर उनका अधिकार है कि वे औरों से कम-प्रीमियम दें। - ब्रिटिश मेडिकल एसोसिएशन का कहना है कि शाकाहारियों में गंभीर-बीमारियों, मसलन कैंसर या हृदयरोग अथवा जीवनशैली से जुड़े रोग, मसलन मोटापा, तनाव, मधुमेह या कब्ज की आशंका कम होती है। बीमा-उद्योग के विश्लेषक भी यह मानते हैं कि शाकाहारियों के लिए आसान-प्रीमियम-दरें रखना तर्कसंगत है। ब्रिटेन में हाल ही में पशुओं में मैड काऊ और खुरपका, मुंहपका बीमारियों के बाद से यह बात और मजबूत हुई है।
फेयरफैक्स की वेजिटेरियन-बीमा योजना का फायदा उठाने में शायद कई सितारे भी
प्राकृतविद्या- जुलाई-सितम्बर '2001
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