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________________ 'पवयणसार' के मंगलाचरण का समीक्षात्मक मूल्यांकन –श्रीमती रंजना जैन कुन्दकुन्द आदि महान् आचार्यों के ग्रंथ आधुनिक शैली के विचारकों की विचार-सरणि में उनके गाम्भीर्यपूर्ण अर्थबोध का उद्घाटन करने के लिए वर्ण्य-विषय बन रहे हैं —यह अत्यन्त सुखद सन्तोष का विषय है। मात्र प्रशंसा के लिए किसी की प्रशंसा के गीत गाना या फिर प्राचीन आचार्यों के ग्रंथों को मात्र आलोचना का विषय बनाकर अपना पांडित्य प्रदर्शन करना ये दोनों ही प्रकार वैदुष्य की प्रतिष्ठित परम्परा से बाहर हैं। तथ्यों पर आधारित गवेषणापूवर्ण चिंतन एवं संतुलित लेखन ही हमारे महनीय आचार्यों के प्रतिपाद्य को युग की माँग के अनुरूप प्रस्तुत कर सकेगा। संभवत: यह प्रयास इस दिशा में प्रथम तो नहीं कहा जा सकता है, किंतु स्वागतयोग्य अवश्य है। प्रवचनसार' ग्रंथ जैनदर्शनशास्त्र का सर्वोपरि प्रतिनिधि-ग्रंथ है। इसके मंगलाचरण पर आधारित यह लघु आलेख परंपरित एवं आधुनिक —दोनों वर्गों के विचारकों को आकर्षण का पात्र होगा —ऐसा विश्वास है। -सम्पादक शौरसेनी प्राकृतभाषा में रचित दिगम्बर जैन-परम्परा के आगम-साहित्य में आचार्य कुन्दकुन्द प्रणीत 'पवयणसार' ग्रंथ का अद्वितीय स्थान है। इसके नामकरण के अनुसार इसे दो परिभाषाओं से परिभाषित किया जाता है। प्रथम परिभाषा में इसे प्रवचन' अर्थात् जिनेन्द्र भगवान् की दिव्यध्वनि' का सारांश माना जाता है। और दूसरी परिभाषा के अनुसार प्रवचन' अर्थात् 'द्वादशांगी जिनवाणी' का 'सार' अर्थात् निचोड़' भी इसे बताया जाता है। इसके वर्तमान स्वरूप का अवलोकन करने पर यह स्पष्ट हो जाता है कि उक्त दोनों परिभाषायें घटनात्मक तथ्य की दृष्टि से भले ही प्रमाणाभाव में असंदिग्ध न कही जा सकें; फिर भी इसके उपलब्ध स्वरूप के परिपेक्ष्य में इसे इनके समकक्ष अवश्य रखा जा सकता है। इसके इस व्यापकरूप की संक्षिप्त झलक इस ग्रंथ के मंगलाचरण में भी दृष्टिगत होती है; जिसका संक्षिप्त समीक्षण यहाँ प्रस्तुत है। मंगलाचरण का वैशिष्ट्य “श्रेयोमार्गस्य संसिद्धि: प्रसादात्परमेष्ठिन:। इत्याहुस्तद्गुणस्तोत्रं शास्त्रादौ मुनिपुंगवा: ।।" प्राकृतविद्या+जुलाई-सितम्बर 2000 LU 81
SR No.521363
Book TitlePrakrit Vidya 2000 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajaram Jain, Sudip Jain
PublisherKundkund Bharti Trust
Publication Year2000
Total Pages116
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Prakrit Vidya, & India
File Size10 MB
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