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________________ "अप्पा दीबेव जलदि” -(प्रबोध चन्द्रोदय, 3/45) अर्थ:—आत्मा अपनी ज्ञानज्योति से दीपक की भाँति ह प्रकाशित होता है। “दीवाउ दीवि पज्जलइ बत्ति" —(महापुराण, 2/20) अर्थ: दीपक से ही अन्य दीपक की बत्ती प्रज्वलित होती है। भगवान् महावीर के पावन निर्वाण दिवस के शुभ अवसर पर प्रकाशपर्व दीपावली आपके जीवन में निर्मलज्ञान का मंगलमय प्रकाश फैलाये – इस मंगल कामना के साथ समस्त धर्मानुरागी पाठकों को कोटिश: शुभकामनायें। ही -सम्पादक 'वीर निर्वाण दिवस' कार्तिक कृष्ण अमावस्या को है तथा वीर निर्वाण संवत् 2526 कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा से प्रारम्भ होगा। 004 प्राकृतविद्या जुलाई-सितम्बर '99
SR No.521355
Book TitlePrakrit Vidya 1999 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajaram Jain, Sudip Jain
PublisherKundkund Bharti Trust
Publication Year1999
Total Pages116
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Prakrit Vidya, & India
File Size10 MB
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