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भाषा और लिपियों के तालमेल की तालिका क्र०सं० कुवलयमालाकहा' की देशी भाषायें चूनडी रासक की लिपियाँ मागधी
उड़ीसी गोल्ला मध्यदेशीय
नागरी आन्धी
तिलंगी अन्तर्वेदी
- कौशली
मालवणी कर्नाटकी
कर्णाटी सिंधु
सिंधवी गुर्जर मरु
वाणिक्की महाराष्ट्र
लाविणी ताजिक
जरकी टक्कु
फिडिकी कीर
मालवी
= 22
कीरी
रवस
पारसी
पारसी वर्वर
राक्षसी ___बाकी पाँच लिपियाँ (1) हंसलिपि, (2) भूतलिपि, (3) जउणी, (4) निभित्री और (5) द्रविडी बचती हैं। इनका तालमेल कहाँ बैठेगा, यह निर्णय सुधी पाठकों के पर छोड़ता हूँ। वैसे सम्पूर्ण तालिका में ही कहीं उलटफेर की जरूरत हो, तो मनीषी पाठक अपने सुझाव दे सकते हैं।
अथ चूनडी रासकं विणयं वंदिवि पंचगुरु मोह महातम तोउण, दिणयरो णाह लिहावहि चूनडिया। युद्धउ पमणई पिय जोडिवि कर।। विणयं० ।। पणविवि कुवलय-कोमल-णयणी, लोयालोय-पयासण-वयणी। पसीख सारद जॉण्ह-जिम, अंधारउ सयलु णिण्गसइ। सा महु निवसउ माणुसहं हंसवह जिम देवि सरासइ। विणयं वंदिवि पंचगुरु।। 1।।
प्राकृतविद्या जुलाई-सितम्बर '99
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