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________________ १८ શ્રી સિદ્ધચક્ર ता.30-४-१८3८ २ ता दाहिणं जाणुं धरणितलंसि निहट्टं तिक्खुतो रत्ता लोमहत्थगं परामुसइ २त्ता दारचेडीओ य मुद्धाणं धरणि-तलंसि निवाडेइ २ ता ईसिं सालिभंजियाओ य बालरुवए य लोमहत्थएण पच्चुगणमइ २ करयलपरिग्गहियं सिरसावत्तं मत्थए पमज्जइ रत्ता दिव्वाए दगधाराए० सरसेणं अंजलिं क एवं वयासीनमोत्थुणं अरहंताणं जाव गोसीसचंदणेणं चच्चए दलयइ २ पुप्फारुहणं जाव संपलाणं, चंदइ नमसइ २त्ता जेणेव देवच्छंदए० आभरणारु हणं करेइ २ आसत्तोसत्त० जेणेव से दायतणस्स बहुमज्झदेसभाए तेणेव कयगाहग्गहिय० धूवं दलयइ रत्ता जेणेव उवागच्छड २त्ता लोमहत्थगं परामुसइ २ दाहिणिल्लमुहमंडवस्स उत्तरिल्ला खंभपंती तेणेव सिद्धायत ग स बहुमज्झदेसभागं लोमहत्थेणं उवागच्छइ २त्ता लोमहत्थं परामुसइ २त्ता थंभे य यमजति, दिवाए दगधाराए अब्भुक्खेइ, सरसेणं सालिभंजियाओ य बालरुवए य लोमहत्थएणं गोसीसबंदणे पंचंगुलितलं मंडलगं आलिहइ पम० जहा चेव पच्चथिमिल्लस्स दारस्स जाव धूयं कयग्गाहपहियं जावपुंजोवयारकलियं करेइ करेत्ता दलयइ २त्ता जेणेव दाहिणिल्लस्स मुहमंडवस्स ध्वं दलदड जेणेव सिद्धायतणस्स दाहिणिल्ले पुरथिमिल्ले दारे तेणेव उवागच्छइ २त्ता लोमहत्थगं दारे तेणेा जबागछति २ लोमहत्थगं परामुसइ २ परामुसति दारचेडीओ तं चेव सव्वं जेणेव त दार बेडा पा स सालभंजियाओ य बालरुवए दाहिणिल्ले पेच्छाघरमंडवे जेणेव दाहिणिल्लस्स य लोमहत्व -TO पम जइ २त्ता दिव्वाए दगधाराए पेच्छाघरमंडवस्स बहूमझदेसभागे जेणेव वइरामए अभुक्खेड : सरसेगं गोसीसचंदणेणं चञ्चए अक्खाडए जेणेव मणिपेढिया जेणेव सीहासणे दर- यह दवडता फारुहणं मल्ला जाव तेणेव उवागच्छइ २त्ता लोमहत्थगं परामुसइ रत्ता भरणारुहणं कर करना आसत्तोसत्त जाव धूवं अक्खाडगं च मणिपेढियं च सीहासणं च दाय २त्ता जेणेव दा लेदारे महमंडवे जेणेव लोमहत्थएणं पमज्जइ २त्ता दिव्वाए दगधाराए० दाहिणिल्लस्स मुहमदम्म लामझदेसभाए तेणेव सरसेणं गोसीसचंदणेणं चच्चए दलयइ२ पुष्फारुहणं उवागऋइ रत्ता लोमहत्थान गापुसइ २त्ता दिव्वाए आसत्तोसत्त जाव धूवं दलेइ २त्ता जेणेव दाहिणिदगपाए अभुक्खेड २ सारण गोसीसचंदणेणं लस्स पेच्छाघरमंडवस्स पच्चत्थिमिल्ले दारे० उत्तरिल्ले पंचंगालाल मंडलगं आलिहड २ कयग्गाहगहिय दारे तं चेव पुरथिमिल्ले दारे तं चेव, दाहिणे दारे जाव भी दलयइ २त्ता जेणेव दाहिणिल्लस्स तं चेव, जेणेव दाहिणिल्ले चेइयथूभे तेणेव उवाग मा पन्चस्थिपिल्ले दारे तेणेव उवागच्छड च्छइ रत्ता थूभं च मणिपेढियं च दिव्वाए दगधाराए
SR No.520956
Book TitleSiddhachakra Varsh 06 - Pakshik From 1937 to 1938
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshoksagarsuri
PublisherSiddhachakra Masik Punarmudran Samiti
Publication Year2001
Total Pages674
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Siddhachakra, & India
File Size20 MB
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