SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 173
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 164 राजेन्द्र प्रसाद SAMBODHI हिन्दु कला व संस्कृति को लोककथाएँ व मिथक दिए और विशेष रूप से मौलिक वानस्पतिक ऊर्जा दी । सोलह वर्ष की अवस्था में कलकत्ता आने तक यामिनी राय गाँव में रहें और ग्रामीण परिवेश में दैनिक जरूरतों को पूरा करने वाले किसान व दस्तकारों को सुधबुध खोकर काम करते देखते थे। अन्य बालकों की तरह इनके काम की नकल करने के अलावा यामिनी राय का इन दस्तकारों से सीधा व इष्ठ सम्बन्ध भी था- "छुटपन में सभी बच्चे मूर्ति बनाते थे मैं कुछ ज्यादा ही बनाता था ।"४ ___ यामिनी राय लोक कला से प्रेरणा ग्रहण करने के लिए सतत् प्रयत्नशील रहे । उन्होंने अनेक गाँवों का भ्रमण कर कुम्हारों, बुनकरों, गुड़ियाँ तथा खिलौने बनाने वालों आदि की कृतियों को देखा, समझा एवं रेखांकित किया । AlAAPAN MUZAAT यामिनी राय : काला घोड़ा ग्रामीण लोक कला के अध्ययन से उनको इस बात का ज्ञान हुआ कि इन परम्परागत ग्रामीण कलाकारों ने अनायास ही रंगों, आकारों तथा छंद के रहस्य को पा लिया है। यामिनी राय ने लोक कला के अभिप्रायों तथा प्रतीकों को ग्रहण कर अपनी नवीन चित्रात्मक सुव्यवस्था से संजोया । यामिनी राय ने अपनी कला के प्रेरणा के विषय में स्वयं लिखा है कि - "मैं बाल कला से प्रेरित हूँ" ।' सरलीकरण के इस प्रयास में यामिनी राय ने कुछ आधारभूत रूपाकार, रंग और बुनावटें (पैटर्न) संजोए रखने की कोशिश की । वे किन्हीं सार्वभौमिक तत्त्वों की खोज में अनावश्यक चीजों को छोड़ते चलते हैं और एक ऐसी अवस्था में पहुँचते हैं जहाँ सजावट, और अलंकरण से रहित हो कर उनकी आकृतिओं में फ्रीज सरीखे स्थापत्य की-सी विशेषताओं का समावेश हो जाता है। सरलीकरण की प्रक्रिया में कुछ तकनीकी समस्याएं हल करने के अलावा उन्होंने तस्वीरों में साहित्यिक विषयवस्तु को भी त्यागने की कोशिश की । उन्हें जो सफलता प्राप्त हुई वह सचमुच अप्रतिम है ।
SR No.520791
Book TitleSambodhi 2018 Vol 41
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJ B Shah
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year2018
Total Pages256
LanguageEnglish, Sanskrit, Prakrit, Gujarati
ClassificationMagazine, India_Sambodhi, & India
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy