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________________ लोक कला के नये मुहावरे गढ़ते : यामिनी राय के चित्र राजेन्द्र प्रसाद लोक कला के स्रोतों को अपनी कला का आधार बना तीसरे दशक में यामिनी राय ने भारतीय कला धारा में नये मुहावरे गढ़कर लोक कला को अक्षुण्ण रखा । लोक कला मानव के मानस का वह लोक रंजन भाव है जो रूपकारों में परिवर्तित हो रेखाओं के माध्यम से व्यक्त होता है । लोक कला हमारी रोजमर्रा की जिन्दगी में उन तमाम चीजों की शक्ल में गुथी हुई है, जिनका हम अपने घरों में अपने त्योहारों और उत्सवों पर, अपनी आत्माभिव्यक्ति के साधनों के रूप में इस्तेमाल करते हैं - चाहे हम किसी भी जाति या धर्म के हों ।१ जब हम लोक कला पर विचार करते हैं तब सामान्य सामाजिक जनसाधारण के उन क्रियाकलापों की बात करते हैं जिनमें सहज आनन्द से परिपूर्ण, सरल, स्वच्छ और परम्परागत रूपों की अभिव्यक्ति होती है । लोककला मनुष्य को कृत्रिमता से सहजता बंधन मुक्त और आह्लाद की ओर खींचली है । लोक कला मन की सहजावस्था से आनन्द की निर्मल धारा है। आदिम कला की भाँति लोककला मनुष्य की अन्तःप्रेरणा का सहज तथा नैसर्गिक एवं स्वाभाविक अभिव्यक्ति का ओजस्वी रूप है । लोक कला की विशेषताओं ने आधनिक भारतीय कलाकारों को प्रभावित किया है। लोक कला की सरलता, प्रतीकात्मकता, प्रतिरूपात्मकता तथा छाया का अभाव आदि विशेषताएँ आधुनिक कलाकारों के लिए प्रेरणा स्रोत बनी और भारतीय लोक कला ने ठेठ ग्रामीण अंचल से विकसित होकर विश्व पटल पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है । इस उपलब्धि का मुख्य श्रेय बंगाल के प्रख्यात लोक कलाकार यामिनी राय को है । उन्होंने भावमयी लोक कला को अपनाया जो स्वदेशी थी और जिसके उज्ज्वल भाल पर धूल की परतें जम चुकी थीं। इस ओर प्रवृत्त होने की प्रेरणा उन्हें ग्रामीण शिल्पकारों से प्राप्त हुई थी. यद्यपि कालीघाट के पटुओं से भी वे प्रभावित थे । ____ यामिनी राय के आत्मबोध और जातीय स्मृति में बंगाल की आंचलिक पृष्ठभूमि थी । उनका जन्म बांकुड़ा जिले (पं. बंगाल) के बेलियातोड़ ग्राम में १८८७ को हुआ था । बंगाल बिहार सीमा के पास बसे इस गाँव में संथाल, मल्ल और बारूई सरीखी कई जनजातियों के लोग रहते थे। शहरी संस्कृति से इत्तर यहाँ के रीति-रिवाज व रस्में उस बृहत् भारतीय लोक संस्कृति का ही अभिन्न अंग थी जिसने
SR No.520791
Book TitleSambodhi 2018 Vol 41
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJ B Shah
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year2018
Total Pages256
LanguageEnglish, Sanskrit, Prakrit, Gujarati
ClassificationMagazine, India_Sambodhi, & India
File Size20 MB
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