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Vol. XXXVI, 2013
प्राकृत आगम साहित्य : एक विमर्श
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श्रुत (आगम)
(क) अंगप्रविष्ट
(ख) अंगबाह्य
(ख) आवश्यक व्यतिरिक्त
१. आचारांग २. सूत्रकृतांग ३. स्थानांग ४. समवायांग ५. व्याख्याप्रज्ञप्ति ६. ज्ञाताधर्मकथा ७. उपासकदशांग ८. अन्तकृद्दशांग ९. प्रश्नव्याकरण १०. विपाकसूत्र ११. दृष्टिवाद
(क) आवश्यक १. सामायिक २. चतुर्विंशतिस्तव ३. वन्दना ४. प्रतिक्रमण ५. कायोत्सर्ग ६. प्रत्याख्यान
(क) कालिक १. उत्तराध्ययन २. दशाश्रुतस्कन्ध ३. कल्प ४. व्यवहार ५. निशीथ ६. महानिशीथ ७. ऋषिभाषित ८. जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति ९. द्वीपसागर प्रज्ञप्ति १०. चन्द्रप्रज्ञप्ति ११. क्षुल्लिकाविमानप्रविभक्ति १२. महल्लिकाविमानप्रविभक्ति १३. अंगचूलिका १४. वग्गचूलिका १५. विवाहचूलिका १६. अरुणोपपात १७. वरुणोपपात
(ख) उत्कालिक १. दशवैकालिक २. कल्पिकाकल्पिक ३. चुल्लककल्पश्रुत ४. महाकल्पश्रुत ५. निशीथ ६. राजप्रश्नीय ७. जीवाभिगम ८. प्रज्ञापना ९. महाप्रज्ञापना १०. प्रमादाप्रमाद ११. नन्दी १२. अनुयोगद्वार १३. देवेन्द्रस्तव १४. तन्दुलवैचारिक १५. चन्द्रवेध्यक १६. सूर्यप्रज्ञप्ति १७. पौरुषीमण्डल
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