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SALONI N JOSHI
SAMBODHI
१५ दसहि नाणाविह इदियाल
जण-जणिय-चोज्ज अपभूय काल नाणाविह मणिमोत्तिय-पवाल
कड्डहिं मुहाउ अग्गि-जाल ॥ भुजहिं वत्थचलि धाणियाओ
तडयड-सद्देण फुडतियाओ तक्खण-आरोविय-भूय-गुलिय
दसहि सुपत्त लहु फुल्ल फलिया ॥ इच्चाइ-सयल-विनाण-नाण
सच्चवइ निवई विस्सुय-नडाण परमत्थ-वियारि न ताइ किं चि
पर जणहिं मोहु जण-दिहि वचि ॥