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________________ सर्वानन्दसूरिकृत श्रीजगडूचरित (11) चकार सत्त्वैकनिधिः स धीरः ॥२९ किलेति योगीन्द्र वर्यः प्रमाणी यहाँ एक पाद के अन्त पर 'प्रमाणी' है । नया पाद चकार से आरम्भ होता है । 'प्रमाणी चकार' को इस तरह तोड़ना सही नहीं लगता । Vol XXII, 1998 129 सर्वानन्द ने उपमा, रूपक, अर्थान्तरन्यास, अतिशयोक्ति आदि अर्थालंकारों का प्रयोग किया है । उदा. (१) 'जिस तरह पाँच कल्पवृक्षों से मेरु, पाँच व्रतों से साधु, पाँच मुख से शिव, पाँच नीति के अड्डों से राजा, इस तरह (जगडू का पूर्वज) वास पाँच पुत्रों से सुशोभित था । "३० इस श्लोक में उपमा है । (२) मयूर को जैसे मेघ को देखकर, चक्रवाक को सूर्य को देखकर, चकोर को चन्द को देखकर आनंद होता है वैसे गुरु को देखकर जगडू को प्रसन्नता हुई ।" इन श्लोको में अर्थान्तरन्यास अलंकार है । (३) साधोर्मतिः स्फुरति भूरितरोदयाय । १२ (४) क्व धियः स्खलन्ति विवेकतो निर्मलमानसानाम् ।१३ (५) पश्य प्रदीपस्य विभां विलोक्य पतन् पतङ्गों लभते विनाशम् ॥४ (६) निजप्रतिज्ञापरिपूरणाय कुर्वीत मानी हि गुरुप्रयत्नम् ॥५ अतिशयोक्ति का एक उदाहरण इस प्रकार है । " सघ चलने से ऊडी हुई धूलि - रजः आकाशगंगा के किनारे ऐसी एकत्रित होकर कीचड हो गया कि जहाँ सूर्य के अश्व फसा हुआ रथ को महाकष्ट से चलाते थे । इस श्लोक में रूपक तथा अपहनुति अलकार है । धन्वन्तरिर्भूवलये ऽवतीर्णो भूयोऽपि सोलात्मभूवच्छलेन । धान्यौषध सङ्ग्रहवान्निहन्तुं दुर्भिक्षरो गंजनतार्ति हेतुम् ॥३७ यहाँ निर्देशित एक श्लोक में 'भूभृत्' शब्द पर श्लेष और व्यतिरेक अलकार 1 "चार हाथवाले श्रीकृष्ण ने एक गोवर्धन पर्वत को ऊठाया (भूभृत्), मगर दो हाथवाला जगड़ ने सर्व भूभृत् ( राजाओं) का, अन्नदान देकर उद्धार किया, यह आश्चर्य है ।८ ऐतिहासिक अंश :- 'श्रीजगडूचरित' महाकाव्य में अणहिलवाड पाटण के लवणप्रसाद, वीरधवल, विशलदेव, राजाओं के, (थर) पारकर का पीठदेव, सिंधका हमीर, स्तम्भतीर्थ खभात का तुर्क, दिल्ही के मोजउद्दीन, राजा दुर्जनशल्य, उज्जैन के मदनवर्मन, काशी के प्रतापसिंह आदि राजाओं के निर्देश हुए हैं । तत्कालीन सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक एवं राजकीय स्थिति का भी परिचय इस काव्य से मिलता है ।
SR No.520772
Book TitleSambodhi 1998 Vol 22
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJitendra B Shah, N M Kansara
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1998
Total Pages279
LanguageEnglish, Sanskrit, Prakrit, Gujarati
ClassificationMagazine, India_Sambodhi, & India
File Size8 MB
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