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________________ रामसिंह-मुणि-विर इय अप्पा दंसणु केवल वि अण्णु सयल ववहारु । एक्कु सु जोइय झाइयइ जो तइलोयहं सारु ॥६८ अप्पा दंसणणाणमउ सयलु वि अण्णु पयाल ।। इय जाणेविणु जोइयहु छंडहु मायाजालु ॥६९ अप्पा मिल्लिवि जगतिलउ जो परदवि रमति । अण्णु कि मिच्छादिटिठयहं मत्थइ सिंगई होंति ॥७० अप्पा भिल्लिवि जगतिलउ मूढ म झायहि अण्णु । जिं मरगउ परियाणियउ तहु किं कच्चहु गणु ॥७१ सुहपरिणामहिं धम्मु वढ असुहई होइ अहम्मु । दोहि मि एहिं विवज्जियउ पावइ जीउ ण जम्मु ॥७२ सई मिलिया सई विहडिया जोइय कम्म णिभंति । तरलसहावहिं पंथियहिं अण्णु कि गाम वसंति ॥७३ अण्णु जि जीउ म चिंति तुहं जइ विहउ दुक्खस्स । तिलतुसमित्तु वि सलडा वेयण करइ अवस्स ॥७४ अप्पाए वि विभावियइं णासइ पाउ खणेण । सूरु विणासइ तिमिरहरु एकाउ णिमिरोण ॥७५ जोइय हियडइ जासु पर एक्कु जि णिवसइ देउ । जम्मणमरणविवज्जियउ तो पावइ परलोउ ॥७६ कम्मु पुराइउ जो खवइ अहिणव पेसु ण देइ । परमणिरंजणु जो णवइ सो परमप्पउ होइ ॥७७ पाउ वि अप्पहिं परिणवइ कम्मई ताम करेइ । परमणिरंजणु जाम ण वि णिम्मलु होइ मुणइ ॥७८ अण्णु गिरंजणु देउ पर अप्पा दंसणणाणु । अप्पा सच्चउ मोक्खपहु एहउ मूढ वियाणु ॥७९ ताम कुतित्थई परिभमइ धुत्तिम ताम करंति । गुरुहं पसाएं जाम ण वि देहहं देउ मुणति ॥८० लोहिं मोहिउ ताम तुहुं विसयह सुक्ख मुणेहि । गुरुहं पसाएं जाम ण वि अविचल बोहि लहेहि ॥८१
SR No.520766
Book TitleSambodhi 1989 Vol 16
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamesh S Betai, Yajneshwar S Shastri
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1989
Total Pages309
LanguageEnglish, Sanskrit, Prakrit, Gujarati
ClassificationMagazine, India_Sambodhi, & India
File Size10 MB
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