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सेश जमीनदार
४. इन अभिलेखों में प्रतिष्ठापक आचार्य, उन्होंकी गुरू परंपरा, इन के गच्छ और शाखा
मूर्ति बिय वगैरह दान देनेवाले श्रेष्ठो की पीढियों का निर्देश इत्यादि बाबत हम पाते है। सामाजिक इतिहास और धार्मिक इतिहास के अध्ययन के लिए सभी लेख बहत महत्वपूर्ण है और उनका अध्ययन अपेक्षित है ।।
उपयुक्त विवरण से यह प्रतीत होता है कि अर्बुदाचल में से प्राप्त अभिलेखो से विक्रम की ग्यारहवीं सदी से लेकर विक्रम की वीसवीं सदी पर्यंत के इस प्रदेश के इतिहास और संस्कृति के अालेखन की सामग्री मिलती है। ज्यादातर तो हमें जेन धर्म और समाज के बारे में जानकारी प्रचुर मात्रा में प्राप्त होती है । फिर भी स्थल. नाम और व्यक्तिनाम के अध्ययन के लिए भी अच्छी सामग्री हम पा सकते हैं । इनके अलावा समाज के नानाविध पहल पर भी हम प्रकाश डाल सकते हैं । उस जमाने के आर्थिक स्थिति की भी जानकारी हमें मिलती है । पुराविद, इतिहासविद, समाजविज्ञानी, भाषाविद् कलामर्मज्ञ इत्यादि विद्वानों की एक सुचारु शेम ये सभी अमिलेखो का स युक्त अध्ययन को तो काफी सामग्री के साथ हम एक अच्छा संशोधन ग्रंथ तैयार कर सके, ऐसी आवश्यक्ता महसूस होती है ।