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जैन साहित्य में वर्णित विजयाद्ध पर्वत का अभिज्ञान
५. महाभारत, भीष्मपर्व, ९, १९; मार्कण्डेण पुराण, ५७, १० ६. महावंश, ११, ६, दीपवश, १६, २ ७. समन्तपासादिका, ३, ६५५ ८. सरकार, डी०सी० सरंकार : स्टडीज इन दि ज्याग्रफी आफ पशिएन्ट एण्ड
मिडिवल इण्डिया, दिल्ली, १९७१, पृ० ५६, पा०दि. ६ ९. अली, एस० एम० : दि ज्याग्रफी ऑफ दि पुराणाज, नई दिल्ली, १९७३,
पृ० ११२ १०. पलीट, जे० एस० : कार्पस इन्स्क्रिप्सनम इण्डिकेरम, भाग-३, पृ०१७४ ११. एपिग्राफिका इण्डिका, खण्ड-३४, पृ० १४० १२. उपरिवत् , खण्ड-४, पृ०६० १३. "विजयद्ध" (ति०प०, ४,१०७) "विजयड्ढ" (ति०५०, ४,११०) १४. ति०प०, ४,११२-१२५; ह०पु, २२,८५-११०; आपु०, १९,३२-४९,
त्रिलोकसार, ६९६-७०१; लेोकविभाग, १,२१-३१ १५. हरिवंशपुराण केा छाडकर पाद टिपणी-१४ में उल्लिखित सभी ग्रंथों में इसका उल्लेख है । १६. सरकार, डी०सी० : पूर्वउद्धृत, पृ० ४२--४३ १७. कर्परमंजरी, अनु. स्टेन कानाव, पृ०१८२ १८. अमरकाश, १,१०,३३ १९. हरिवंशपुराण को छोडकर पाद टिप्पण--१४ में उल्लिखित अन्य सभी प्रयों में
इसका उल्लेख है। २०. उपरिषत् २१. रामायण, अयोध्याकाण्ड, ५४ २२. लाहा, बी०सी० : प्राचीन भारत का ऐतिहासिक भूगोल (हिन्दी अनुवाद,
अनुवादक-रामकृष्ण द्विवेदी) लखनऊ, १९७२, पृ० १२५-२६, ५२३,६१४ २३ पद्मपुराण, २४. हापु०, में वर्णित दक्षिणी श्रोणी का ४४ वा नगर २५. लाहा, बी०सी० पूर्व उद्धृत, पृ०५५२-५३,६१६ २६. ह.पु० में वर्णित दक्षिणी श्रेणी का २७वां नगर २७. सरकार, डी०सी० : पूर्व उत्त, पृ०५२-५३; मेघदुत, १, ३० २८. महाभारत, वनपर्व, अध्याय-८२ २९. वराहपुराण, अध्याय-८५ ३०. ह०पु. के अतिरिक्त अन्य ग्रंथों में इसका उल्लेख है । ३१. लाहा, बी०सी० : पूर्व उद्धृत, पृ० ४९९ ३२. ह.पु. के अतिरिक्त अन्य सभी ग्रयों में इसका उल्लेख है ।