________________
समणी कुसुमप्रज्ञा
प्रस्तुत नियुक्ति भद्बाहु द्वितीय के बाद रची गयी क्योंकि इसकी चार गाथाभी को इस नियुक्ति में अक्षरशः लिया गया है। प्राचीनकाल को यह पद्धति रही है कि किसी बात को सुरक्षित रखने के लिए उसे पद्यबद्ध कर देते थे । जिससे मौखिक परम्परा और कठस्थ परम्परा में सुविधा रहती थी इसीलिए प्रारम्भिक साहित्य प्रायः पबद्ध मिलता है।
प्रस्तुत नियुक्ति के अन्त में उल्लेख है कि " इति दशकालिकनियुक्तिः समाप्ता। यह प्रति स. 1552 कार्तिक शुक्ला शुक्रवार की लिखी गयी तथा नागेन्द्रगच्छ के आचार्य गुणमेसविजयजी के लिए लिखी गयी ऐसा उल्लेख उक्त प्रति से मिलता है।
इन गाथाओं को दशवकालिक की संक्षिप्त नियुक्ति माना जा सकता है । इस विषय में अधिक खोज की आवश्यकता है की नियुक्तियाँ उस समय तक कितनी लिखी गर्यो ?
प्रस्तुत नियुक्ति के कुछ पाठ अशुद्ध है लेकिन दूसरी प्रति उपलब्ध न होने से कहीं कहाँ पाठ सशोधन किया गया है । प्रस्तुत नियुक्ति गाथाए इस प्रकार हैं
1. सेज्जभव गणधर बिमपरिमादसणेण पडिबुद्धं |
मणगपियर दसकालियस्स निम्तहग वंदे1 ।। 2. मणगं पहुच सेज्जंभवेण निम्नहिया दसमझयणा ।
वेयालियाए ठविया, तम्हा दसफालियं नाम ॥ (2) 3. छहिं मासेहि महीय, अज्झयणमिणं तु अजमणगेणं ।
छम्मासा परियाओ, भह कालगओ समाहिए ॥ (3) 4. आणंद सुपाय, कासी सेज्जभवो तहिं थेरा।।
जसभास्स य पुष्छा, कणा य वियारणा सधे ॥ (4) 5. तुम्हारिसो- वि मुणियरो जह मोहपिसाएण कलिज्जति ।
ता साहु तुम चिय पीर.पीरिमा क' समलीउ(णा) (5) 6. वसभन्मयणसमय, सेर्मभवसूरिबिरहयं एयं ।
बहुआउ' च नाउ', भट्ठाए मणगसीसस्स ॥ (6) 7. एयाभो दो चूलाओ, आणिआ मक्खणीयाए अज्जीए ।
सीम बरपासाभो, भवियबणषियोहणदलाए ॥ (7) 1. दशनि 14 2. दशनि 15 3. दशनि 371
4. दशनि 372 , 5. तम्हा (4)
6. 0 वेगसम 0 (1)