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________________ पद्मसुन्दरसरिविरचित विधाय पारणां भेजे तपोवनमथो जिनः । तपोयोगं समाधाय कायमुत्सृज्य तस्थिवान् ॥२६॥ प्रलम्बितभुजद्वन्द्वः प्रसन्नवदनाम्बुजः । दिध्यासुर्विशदध्यानं स तस्थावचलाचलः ॥२७॥ अज्ञानध्वान्तविध्वंसकल्पा तदेहमन्दिरे । सन्मार्गोद्योतिका सद्यो दिद्यते बोधदीपिका ॥२८॥ विज्ञाय हेयोपादेयं गुणदोषान्तरं जिनः । विहाय सकलान् दोषानासजत् गुणेष्वलम् ॥२९॥ सर्वसावद्यविरतिं चक्र सत्यव्रते दृढः । अस्तेयनिरतो ब्रह्मचर्यवान्निष्परिग्रहः ॥३०॥ विकालाशनवर्जी स भावयन् व्रतभावनाः । व्रते व्रते च प्रत्येकं पञ्च पञ्च प्रपञ्चिताः ॥३१॥ मनोगुप्तीर्येषणादाननिक्षेपविधानयुक् । दृष्टान्नपानाद्यादानमहिंसावतभावनाः ॥३२॥ लोभहास्यभयक्रोधप्रत्याख्यानेन भाषणम् । निरवद्यवाचा जल्पो द्वितीयव्रतभावनाः ॥३३॥ (२६) जिन भगवान् पारणा करके तपोवन में पहुँचे । ( उसके पश्चात् ) तपोयोग करके कायोत्सर्ग से स्थित हो गये। (२७) दोनों भुजाएँ लम्बी किये हुए, प्रसन्न मुखकमल वाले विशद ध्यान करने की इच्छावाले वे अचलगिरि की तरह स्थिर रहे । (२८) उनके देहरूपी मन्दिर में अज्ञानान्धकार को नष्ट करने वाली, सन्मार्ग की प्रकाशिका ज्ञानदीपिका शीघ्र ही चमकने लगी। (२९) परित्याज्य व प्राप्तव्य वस्तु के गुणदोष का विभेद जानकर सम्पूर्ण दोषों का परित्याग कर जिनदेव गुणों में ही आसक्त हुए । (३०) सत्यव्रत में दृढ़, अचौर्य में रत, ब्रह्मचर्यसम्पन्न और परिग्रहरहित वे सब दोषों से विरत हुए । (३१) वे शाम का भोजन नहीं करते थे (अर्थात् दिन में एक बार ही आहार लेते थे)। (शास्त्र में) विस्तार से जिनका निरूपण किया है उन प्रत्येक व्रत को पांच-पांच भावनाओं का वे चिंतन करते थे । (३२) मनोगुप्ति, ईर्यासमिति, एषणासमिति, आदाननिक्षेपणसमिति और आलोकित भोजनपानादि का ग्रहण ये (पाँच) अहिंसाबत की भावनाएँ हैं। (३३) लोभप्रत्याख्यान से भाषण, हास्यप्रत्याख्यान से भाषण, भयप्रत्याख्यान मे भाषण, क्रोधप्रत्याख्यान से भाषण तथा निर्दोष वाणी से भाषण ये (पाँच) द्वितीय ब्रत (सत्य) की भावनाएँ हैं। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.520761
Book TitleSambodhi 1982 Vol 11
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDalsukh Malvania, H C Bhayani, Nagin J Shah
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1982
Total Pages502
LanguageEnglish, Sanskrit, Prakrit, Gujarati
ClassificationMagazine, India_Sambodhi, & India
File Size11 MB
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