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________________ 11211 द्वितीयः सर्गः सर्वपाधिराजेऽस्मिन् जम्बूद्वीपे प्रतिष्ठिते । भास्वत्स्वर्णाचलोत्तुङ्गकोटीरपरिमण्डिते स्वर्गंखण्ड इवाखण्डे प्राग्विदेहस्य मण्डले । तत्पुराणाभिधेऽन्यर्द्धिभेदने पुटभेदने ॥२॥ यत्रत्यनारी सौन्दर्यं दृष्ट्वा दिवि सुराङ्गनाः । निर्निमेषदृशस्तस्थुरिव शङ्के सविस्मयाः ॥३॥ सुधाधवलितैः सौंधैर्विशदैर्हासराशिभिः । यत्पुरर्द्धिः कृतस्पर्धा हसन्तीवाऽमरावतीम् ||४|| यत्रारातिनृपख्यातिगिरिवज्रसद्ग्भुजः । वज्रबाहुरिति ख्यातोऽन्वर्थनामा महीपतिः ||५|| इक्ष्वाकुवंश्यो गोत्रेण काश्यपः काश्यपीं सदा । बुभुजे भुजनिर्घातपातध्वस्तद्विषत्पुरः ॥६॥ देवी सुदर्शना तस्याऽगण्य लावण्यमञ्जरी । स्वरूपसम्पदुन्नत्या व्यजीयत रतिर्यया ॥ ७॥ ग्रैवेयकाSमरात्मा तु तद्गर्भे समवातरत् । नवमासव्यतिक्रान्तौ सुतरत्नमसूत सा | ८ ॥ ( १ - ३) देदीप्यमान हेमगिरि के उत्तुङ्ग शिखरों से परिमण्डित और सभी द्वीपों के प्रतिप्रित. अधिराज इस जम्बूद्वीप में स्वर्ग' के खण्ड के समान प्राग्विदेहदेश के अखण्ड मण्डल में दूसरों की समृद्धि को भेदने वाला तत्पुराण नामक नगर था । इस नगर को नाशियों के सौन्दर्य को देखकर स्वर्ग में देवाङ्गनाएँ आश्चर्यचकित होकर मानो निर्निमेष वाली रहीं ऐसा मन में होता है । ( ४ ) चूने से धवलित श्वेत महालयों के द्वारा पुर की समृद्धि (अमरावती के साथ) स्पर्धा करके अमरावती की मानो हँसी उड़ाती है। (५) इस नगर में शत्रु राजाओं के ख्यातिरूप पर्वत को भेदने में वज्र जैसी भुजावाला और सार्थक नाम वाला वज्रबाहु नाम से प्रसिद्ध राजा था । ( ६ ) अपनी भुजाओं के प्रहार से शत्रुओं के नगर को ध्वस्त करने वाला, इक्ष्वाकुवंश में अवतीर्ण और काश्यपगोत्रीय वह राजा शासन करता था । (७) उस राजा की अतीव सौन्दर्ययुक्त रूपवती सुदर्शना नाम की रानी थी, जिसने • अपने रूप की सम्पदा से कामदेव की पत्नी रति को भी जीत लिया था । (८) ग्रैवेयक नामक स्वर्ग से देव की अमर आत्मा उस महारानी के गर्भ में आयी तथा उस रानी ने नौ महीनों के समाप्त होने पर एक पुत्ररत्न को उत्पन्न किया ॥ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.520760
Book TitleSambodhi 1981 Vol 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDalsukh Malvania, H C Bhayani, Nagin J Shah
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1981
Total Pages340
LanguageEnglish, Sanskrit, Prakrit, Gujarati
ClassificationMagazine, India_Sambodhi, & India
File Size8 MB
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