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________________ ढ़ के महामन्त्री पेडशाह ने कितने जिन मन्दिर बनवाये ? २१ सुकृतसागर और उपदेशतरंगिणीकार श्री रत्नमण्डन गणि जो कि श्रीरत्नशेखरसूरि के शिष्य हैं और जिनका कार्यकाल १६वीं शती का पूर्वार्ध है, के और पेड़ के मध्य में कम से कम भो १६० वर्षो का अन्तर है। अतः यह निश्चित है कि रत्नमण्डनगणि ने परम्परागत जनश्रुति के अनुसार ८४ मन्दिरों के निर्माण का उल्लेख किया है । पूर्ण ज्ञातव्य प्राप्त न होने के कारण ही संभवत: मूलनायकों के नाम तथा समस्त स्थानों के नाम भी प्रदान नहीं कर सके है । अतएव रत्नमण्डनगणि का ८४ जिन मन्दिरों के निर्माण का उल्लेख विचारणीय है । आचार्य सोमतिलकसूरि विरचित प्राप्त स्तोत्र भी जिज्ञासुओं के लिए यहाँ दिया जा रहा है । Jain Education International पूज्य श्री सोमतिलकसूरिकृत पृथ्वीधरसाधुकारित चैत्यस्तोत्रम् । ( शार्दूलविक्रीडितं वृत्तम् ) श्री पृथ्वीवर साधुना सुविधिना दीनादिषूद्दानिना, भक्त श्रीजयसिंहभूमिपतिना स्वौचित्यसत्यापिना | अर्हद्भक्तिपुषा गुरुक्रमजुषा मिथ्यामनीषामुषा, सच्छीलादिपवित्रितात्मजनुषा प्रायः प्रणश्यदुषा ॥ १ ॥ नैकाः पौषधशास्त्रिकाः सुविपुला निर्मापयित्रा सता, मन्त्रस्तोत्रविदीर्णलिङ्गविवृत श्री पार्श्वपूजायुना । विद्युन्मालि सुपर्वनिर्मित लस देवाधिदेवाह्वय- ख्यातज्ञातनूरुहप्रतिकृतिस्फूर्जत्सपर्यासृजा ॥ २ ॥ त्रिःकाले जिनराजपूजनविधिं नित्य द्विरावश्यके, साधौ धार्मिक मात्र केsपि महतीं भक्तिं विरक्तिं भवे । तन्वानेन सुपर्व पौषवता साधर्मिकाणां सदा, वैयावृत्यविधायिना विदधता वात्सल्यमुच्चैर्मुदा ॥ ३ ॥ श्रीमत्सम्प्रतिपार्थिवस्य चरितं श्रीमत्कुमारक्षमा पालस्याप्यथ वस्तुपालसचिवाधीशस्य पुण्याम्बुधेः । स्मारं स्मारमुदारसम्मदसुधा सिन्धूर्मिषून्मज्जता, श्रेयः कानन से चनस्फुरुरुप्रावृड्भवाम्भोमुचा ॥ ४ ॥ सम्यग्न्यायसमर्जितोर्जितधनैः सुस्थान संस्थापित ये ये यत्र गिरौ तथा पुरवरे ग्रामेऽथवा यत्र ये । प्रासादा नयनप्रसादजनका निर्मापिता: शर्मदा स्तेषु श्रीजिननायकानभिवया सार्द्ध स्तुवे श्रद्धया ॥ ५ ॥ पञ्चभिः कुलकम् । For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.520760
Book TitleSambodhi 1981 Vol 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDalsukh Malvania, H C Bhayani, Nagin J Shah
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1981
Total Pages340
LanguageEnglish, Sanskrit, Prakrit, Gujarati
ClassificationMagazine, India_Sambodhi, & India
File Size8 MB
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