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दलसुखभाई मालवणिया वाद से साम्यवाद की ओर होगी और वह धार्मिक व्यवस्था में एक बड़ा भारी खतरा है । जीवन में आध्यात्मिकता का यदि लोप हुआ तो भारतीय जीवन प्रणाली की समग्र मानव-समाज को जो देन है उससे हम विमुख हो जायेंगे । __अन्त में - मुझे अपने विचार व्यक्त करने का जो • यह अवसर दिया इसके लिए संगोष्ठि' के आयोजकों का मैं आभार मानता हूँ।
१ 'आजके संदर्भ में भ. महावीर के विचारों की संगति'-संगोष्ठि, उदयपुर विश्वविद्यालय में ता.२-१०-७६ को दिया गया व्याख्यान ।
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