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________________ स्वाध्याय दलसुख मालवणिया ठाणे : संपादक-विवेचक, मुनि नथमल, प्रकाशक, जैन विश्वभारती, लाडनू (राज.) पृ० १०९०, ई. १९७६ मूल्य १२५. इस ग्रंथमे पू. मुनिश्री नथमलजीने ठाणांगसूत्रका मूल संपादित करके हिन्दी अनुवाद के उपरांत विवेचन भी किया है । मूल प्राकृतकी सं कृत छाया भी दी गई है। ठाणांगसूत्र जैन मान्यताओं का गणनाक्रमसे संग्रहग्रन्थ है अतएव इस एक ही ग्रन्थ के अध्ययन से आचार-विचार और इतिहास की जैनमान्यताओं का बोध सुलभ होता है। किन्तु अनुवाद सरल होने पर भी उसी विषयकी व्याख्या का कार्य सरल नहीं है । उस कठिन कार्य को श्री नथ मलजीने अपनी विद्वत्ता से सरल बना दिया है । स्वाध्याय-प्रेमी के लिए यह अत्युपयोगी ग्रन्थ सिद्ध होगा । जैन पारिभाषिक शब्दों की व्याख्या भी इस ग्रन्थ से सुलभ होगी। अन्तमे. शब्दसूची दी गई है। उससे अध्येता को किसी भी पारिभाषिक शब्दकी व्याख्या जानना सुलभ है । इसे जैन परिभाषा कोष भी कहा जा सकता है । .. काव्यकुसुमांजलि : अनुवादक-संपादक-मुनि मधुकर और डॉ. छगनलाल शास्त्री, प्रकाशकश्री कागणि जन्मशताब्दी समारोह समिति, छापर (राज.) १९७७, मूल्य 11 रुपये। तेरा. पंथ के आचार्य श्री कालूगणि की जन्मशताब्दी के उपलक्ष्यभे यह ग्रन्थ प्रकाशित किया गया है। इस में आचार्य के विषय मे समय समय पर लिखी गई संस्कृत स्तुतिओं का संग्रह और हिन्दी अनुवाद है । विशेषतामे यह बात है कि प्रसिद्ध भक्तामरस्तोत्र और कल्याणमंदिर स्तोत्रों की पादपूर्ति करके श्रो का गणी के स्तोत्रों की रचना आचार्य श्री तुलसी आदिने की है। 'आयारदसा : संपादक और व्याख्याकार --मुनिश्री कन्हैयालालजी 'कमल', प्रकाशकआगम अनुयोग प्रकाशन, सांडेराव (राज.), ई. १९७१, मूल्य १५ रूपिया । इसमें दशाश्रुतस्कंध के नामसे प्रसिद्ध छेदसूत्र के मूलका संपादन, हिन्दी अनुवाद और विवेचन मुनिश्रीने किया हैं । विठोचनमें टीकागत सामग्रीका उपयोग करके विषयवस्तु की व्याख्या सरल ढगसे की गई है। जैनागमनिर्देशिका : संपादक-मुनिश्री का हैयालाल 'कमल' प्र. आगम अनुयोग प्रकाशन, सांडेराव (राज.), १९६६. मूल्य (परिवर्धित) ५० रूपये । आगमों की कई आवृत्तियाँ हुई किन्तु उनमें प्रायः विषयसूची नहीं दी जाती । अभी अभी जो नये संस्करण निकल रहे हैं उनमें इस कमी की पूर्ति की गई है । फिर भी प्रस्तुत ग्रन्थकी अपनी विशेषता है । इसमें विस्तार से ५., आगमों के विषयों का निर्देश किया गया है । अत एव शोधार्थी के लिए एक ही ग्रन्थ में जनागमों में प्रतिपादित विषयों का संकलन सुलभ हो गया है।
SR No.520756
Book TitleSambodhi 1977 Vol 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDalsukh Malvania, H C Bhayani, Nagin J Shah
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1977
Total Pages420
LanguageEnglish, Sanskrit, Prakrit, Gujarati
ClassificationMagazine, India_Sambodhi, & India
File Size16 MB
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