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________________ गुजरातमाथी लुप्त थयेली आ उपरांत वडनगरना पीठोरी दरवाजा बहारना देवीमंदिरनी भोतमां चोडेली चार हाथवाळी स्कन्दप्रतिमा, गांचगोळ दरवाजा नजीक भुवनेश्वरी माताना गोखलामां आवेली शक्ति तथा कुकडा सहितनी कुमार-मूर्ति, हाटकेश्वर मंदिरना अंतराळमां आवेली मोटी स्कन्दमूर्ति, मोढेरा सूर्यमंदिरना स्तंभनी स्कन्द-मूर्ति अने राजकोट म्युझियममा आवेली अनुमित स्कन्द-प्रतिमाना उल्लेखो श्रीकनैयालाल दवे पोताना 'गुजरातन मूतिविधान' ग्रन्थमा करे छे. आ सौ उपरथी हवे आपणे एवा तबकामां आव्या छीए के स्कन्दपूजा सारा य गुजरातमा एककाळे व्यापक प्रमाणमां हो एवं विधान करी शकीए बीए. आ स्कन्द-पूजा गुजरातमाथी शा कारणे लुप्त बनी तेनी विगते चर्चा करवा जेवी छे, मने लागे छे के आपणा पडोशी महाराष्ट्रमा स्कन्दना दर्शन सौभाग्यवंती स्त्रीए न करवा एवी जं मान्यता दृढ थयेली छे तेनो फेलावो धीरे धीरे गुजरातमां पण थवा लाग्यो हो अने परिणामे आपणे त्यांथी स्कन्द-पूजा लुप्त बनी हशे. वडनगरना हाटकेश्वर जेवा मंदिरमां ज्यां स्कन्द-मूर्ति मूकवामा आवी छे त्यां स्त्रीओ एना दर्शन न करे ते अर्थे आडो पडदो पण लटकतो जोई शकाय छे. आम सधवा स्त्रीए स्कन्दना दर्शन न करवा एवी मान्यताना परिणामे तथा गुजरातमा फेलावा मांडेल वधु सरळ वैष्णव साधनाना प्रबळ प्रवाहने कारणे गुजरातमांथी स्कन्द-पूजा लुप्त थयेली जणाय छे.
SR No.520754
Book TitleSambodhi 1975 Vol 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDalsukh Malvania, H C Bhayani
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1975
Total Pages427
LanguageEnglish, Sanskrit, Prakrit, Gujarati
ClassificationMagazine, India_Sambodhi, & India
File Size30 MB
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