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________________ कनुभाई शेठ कथाना खास प्रकारान्तरणनी रचना के निर्माण पहेला प्रथम कथा-विगतमा थयेल फेरफार के परिवर्तन निःशंकपणे भूल होय छे. स्मृतिनी मूल. केटलीकवार भावु परिवर्तन श्रोताओने आनन्ददायक नीवडे छे एटले एनु पुनरावर्तन थाय छे. वळी पुरता प्रमाणमा प्रचलित थतां ते मूल कथा-सूत्रनुं स्थान पण लई ले छे. माम कथार्नु नवु रूप सर्जाय छे. एवी रोते भने जेम मूळ कथा एना मूल-केन्द्रमांथो अन्य स्थळे प्रसरे छे, एवी रीते आ पण मूळ-केन्द्रमांथो अन्यत्र प्रसरे छे. वळी केटलीकवार तो मा बन्ने-नवर्षा भने जूनां रूपो साथे साथे जीवंत रहे छे. प्रसगोपात एवु पण बने के नवतर रूप मूळकथाना समग्र क्षेत्रविस्तारमा प्रसरण पामी मूळकथानुं स्थान पण पडावी ले. आवा बनावने एन्डरसन कथाना जीवन-ईतिहासमा थयेलो उथल-पाथल तरीके छेखावे छे. 'सम्राट भने पादरो' नामनी उपर्युक्त कथामां आ प्रकारनां त्रण परिवर्तनो थयानु एन्डरसने नोध्यु छे. १. ई. स. १३००नी आसपास एनां बे पात्रोमां, एक समस्यामा अने अन्तमा परिवर्तन थयु हतुं. २. ई. स १५०० नी आसपास, एमांनी एक समस्यामा परिवर्तन थयु हतु. ३. ई. स. १७०० नी आसपास पादरीना घर परनो शिलालेख 'मारे कोइ दुःख नथो ए सामान्य थई पडयो हतो. स्थानिक प्रकारान्तरनु निर्गमन [Emergence] थयु होय के एमां उथलपाथल थई होय छतां पण एमां मूळभूत कथाना केटलांक लक्षणे अवशेषरूप मळी आववानी पूर्ण शक्यता छे. जो के माम तो ते केटलांक प्राचीन रूपान्तरोमां सापडे छे, तेम छतां प्रचलित परंपरामा पण ते नवतर रूपान्तरो साथे रहेला जोवा मळे छे. कथा एना मुळभूत केन्द्रथी प्रसरण पामी होय अने स्थानिक प्रकारान्तरे नवा केन्द्रो उपस्थित कर्या होय [सामान्यतः मूळ प्रसारण--क्षेत्रनी मर्यादामा) तेवा सजोगोमा मूळकथानी वधु समोपमा होय तेवां रूपान्तरो समग्र प्रसरण-क्षेत्रनी परिधिनी सीमामा सांपडवानी विशेष शक्यता छे. वळी मा परिधि-रूपान्तरो एक बोजा वच्चे वास्तविकपणे साम्य घरावतां होय तथा खास करीने प्राचीन साहित्यिक रूपान्तरो साथे साम्य घरावतां होय तो ते प्राचीनतर स्तरनां छे ए हकीकतनु समर्थन थशे. पण कथा-प्रसरणनी क्षेत्र-मर्यादानी बहारना रूपान्तरो भावी न जाय तेनी अत्रे काळजी राखली बोईए. मां
SR No.520753
Book TitleSambodhi 1974 Vol 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDalsukh Malvania, H C Bhayani
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1974
Total Pages397
LanguageEnglish, Sanskrit, Prakrit, Gujarati
ClassificationMagazine, India_Sambodhi, & India
File Size11 MB
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