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APPENDIX
1 Irlanda $ 9, p 4, 255,4
___महा तेण केवलिणा भरण्ण पविसिऊण पच चोर-सयाइ रास-णच्चण च्छलेण महामोह-गह-गहियाइ मक्खिविऊण इमाए चच्चरीए संबोहिया । मवि य -
संबुनाह किं ण बुज्म, एत्तिए वि मा किंचि मुज्झह । कौरउ में करियन्वयं, पुग ढुक्कइ तं मरियन्वय ॥ इति धुवय ।
कसिण-कमल-दल-लोयण-चल-रेहतओ पीण-पिहुल-थण-कडियल-भार-किलंतो । वाल-चलि-वलयावलि-कलयल-समो रासयम्मि जइ लभइ जुवई-सत्यमो ॥ संबुज्झह ० असुइ-मुत्त-मल-रुहिर-पवाह-विरूवयं । वस-पित्त-दुग्गधि-सहाव विलीणय *। मेय-मन-बस-फोप्फस हा करकयं काम मेस-पच्छायण-जुवई-सत्यं ॥ संबुज्झह. कमल-चंद-गीलुप्पल-कति-समाणयं मूडएहि उवमिज्जइ जुबई-अगय । धोवयं षि मण कत्थइ जइ रमणिज्य मलइयं तु सध्वं चिय इय पञ्चक्खय ।। सबुझह० लामिसंग एवं चिय एस्थ असारए अधर मत मास कय वाचारए । कामम्मि मा छयाह मव-सय-कारए
विरम विरम मा हिंडह भव-ससारए ॥ सबुझह० 2 Carpanetowarkapurisdranya, p 186, 11 15 27
तको कारवायणि पडिबुद्धो सयलो वि सामततलवग्गसंदोहो त्ति । सलो य कि कार्ड पयत्ता : अधि य --
The word is recorded in the form facica as well as feclutz The former seems to to the pract form. Sen H, C. Bhayant, 'Studies in Hemacandra's Debenāmamalt", 1966, RE पिरितिपक, R. N. Shriyan, A Critical Sudy of Mahapurana of Puppa
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