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सागरचंद रहउ
जन्यु गया सिव-सोकवह पए
न मिव-मुह सु-पसिहउँ लोए ॥ ना सणिय ससारे महिला-वहम नरि पटिया स'पुरिसा वी आवय मह सहरि ॥१७८
[उ निसुणेप्पिणु धम्मु करेहो
निम्मलु जिणवर-वयणु सुणेहो । मिारे-मग्वाला गच्छे वर-गयणि मियका आणदिय-जग-निवहो पध-सुरि अ-कलका ॥१७९
गसु रहग्जट तमु सीसेण
गंवाया सागरचंदेणं ॥ जे य पनि सुणता अनु जिणहरे दिती सपुरिम-नाम गहण दुरियइँ नासती ॥१८०
१७८ १ जेथु, सोखइ बहसनरि ६ भए १७९ १ धमु १८० २ रावयणु थात.. ॥॥ मीयाराणा ममान । मगल महा श्री छ।[16A]
Trinting Prui Kankarla Rond Ahmadabad 22.
Institute of Indology Ahmodabad 9