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________________ ( पृष्ठ ५५ का शेष) विजयकुमार जैन : छोटी चट्टान, बड़ी चट्टान बोधकथा ), जुलाई, पृ. १६ । विद्यानन्द, एलाचार्यं मुनि: पाण्डित्य के साथ चारित्र भी, जून, पृ. २३ । विद्यासागर, आचार्य आत्मा का क्या कुल ?, नव. - दिस., पृ. ५२; पुरुष नहीं बोलेंगे, मौन नहीं खोलेंगे; संप्रति अवश्य गंगा ( कविताएँ), जन. - फर., पृ. ५१; - मोक्ष : आज भी संभव, नव. - दिस., पृ. ३० - साधु की विनय, नव. - दिस., पृ. ३७ । विनोबा, आचार्य : इतना निष्पाप क्यों ? ( बोधकथा ) : अगस्त पृ. २२ । विमला जैन - ये गड़बड़ियाँ (टिप्पणी), नवदिस., पृ. 221 वीरेन्द्रकुमार जैन : वैशाली का भविष्य, केवल महावीर ?, अप्रैल पृ. ६१ समवसरण : समग्र सौन्दर्य का स्थायी कला- मौटिफ, मई, पृ. ७; -हमारी पण्डित - परम्परा, और उसका भविष्य, जून, पृ. ५५ । श्रीकान्त गोयलीय : पं. कैलाशचन्द्रजी : जैसा. देखा जैसा सुना, जलाई, पृ. ११ । श्रेयांसप्रसाद जैन : धर्मं भी, रंजन भी ('तीर्थंकर' का), मई, पृ. २८ बुन्देलखण्ड यात्रा की दो बड़ी रबर मोहरें लग्न पत्रिका उपलब्धियाँ, नवं - दिस., पृ. ६१, समाज के अनमोल रत्न, जून, पृ. २५ । Jain Education International सत्यंधरकुमार सेठी : त्याग की प्रतिमूर्ति, जून, पृ. ३६ । सागरमल जैन, डॉ. आवश्यकता : चरित्रनिष्ठा की (पण्डित : भावी भूमिका), जून, पृ. १३५ । सुरेन्द्र वर्मा, डॉ. हँसते-हँसते जियो, जन. - फ. पु. ५ । सुरेश जैन : नैनागिरि खुलते हैं, जहाँ अन्तर्नयन, नव. - दिस., पृ. ६३ । सुरेश 'सरल': किताबें : अनदेखा हिसाब, अक्टूबर, पृ. ६ जुलूस आदमियों के रूप में घास-फूस, मई, पृ. १ (आवरण); - पण्डितजी' बनाम 'पंडज्जी', जून, पू. ८७ - सभा-संस्था : आप क्या सोचते हैं ?, सितम्बर, प. १२; - सम्प्रदाय ( ललित व्यंग्य), नवं. - दिस., पृ. ८३ - स्वाध्याय, मार्च, पृ. ७ - हम और मन्दिर (व्यंग्य), जुलाई, प. २३ - हँसते-हँसते जियो : कब तक ? जन. - फर., पृ. २५ । हरखचन्द बोथरा : स्वर्ग और नरक एक सत्य है (टिप्पणी), जन. - फर., पृ. ४४ । कथनी-करनी में हीराबाई बोरदिया, डॉ. एकरूपता, जून, पृ. ३३ । बधाई पत्र निमंत्रण पत्र -: के : मध्यप्रदेश में अग्रणी निर्माता रोगल ( मेन्युफेक्चरिंग) इण्डस्ट्रीज ३७/१, नार्थ राजमोहल्ला, इन्दौर - २ कलात्मक रेडीमेड पोषाखों के निर्माता एवं विक्रेता रूपराज ड्रेसेज ३७११, मूलचन्द मार्केट, राजवाड़ा, इन्दौर -४ For Personal & Private Use Only तीर्थंकर : अप्रैल ७९/६७ www.jainelibrary.org
SR No.520604
Book TitleTirthankar 1978 11 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Jain
PublisherHira Bhaiyya Prakashan Indore
Publication Year1978
Total Pages288
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tirthankar, & India
File Size6 MB
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