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________________ भगवानमहावीर का सन्देश और आधु निक जीवन-संदर्भ -डा. महावीरसरन जैन १४६ जब मुझे अकर्ताभाव की अनुभूति हुई - -वीरेन्द्रकुमार जैन १५५ महावीर साहित्य : विगत पचास वर्ष महावीर : समाजवादी संदर्भ में -धन्नालाल शाह १६३ वर्तमान युग में महावीर की प्रासंगिकता -सरोजकुमार १६६ नयनपथगामीभवतुमे (महावीराष्टक) -अनु. –भवानीप्रसाद मिश्र १६९ जैनधर्म-खण्ड (१७१-२२४) निराकार को (कविता) -भवानीप्रसाद मिश्र १७२ सापेक्ष विकल्प, अहम् पीडित, प्रार्थना निर्द्वन्द्व (क्षणिकाएँ) -दिनकर सोनवलकर जैन दर्शन की सहज अनुभूति : अनेकान्त -जयकुमार 'जलज' जैन भक्ति : अहैतुक भक्ति-मार्ग -डा. प्रेमसागर जैन बदलते संदर्भो में जैनधर्म की भूमिका -डा. प्रेमसुमन जैन युद्ध-विराम (बोधकथा) -नेमीचन्द पटोरिया जैनसाहित्य : शोध की दिशाएँ -डा. कस्तूरचन्द कासलीवाल १९९ जैनधर्म के विकास में कर्नाटक साहित्य का योग -वर्द्धमान पार्श्वनाथ शास्त्री २०३ मध्यप्रदेश का जैन पुरातत्व -बालचन्द्र जैन २१३ प्राचीन मालवा के जैन सारस्वत और उनकी रचनाएँ -डा. तेजसिंह गौड़ २१७ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.520601
Book TitleTirthankar 1974 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Jain
PublisherHira Bhaiyya Prakashan Indore
Publication Year1974
Total Pages230
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tirthankar, & India
File Size5 MB
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