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अनुसन्धान-७९
तेडउ जोसी जाण महुरत आपिजी, पद तणुं छइ काम दाढउ थापइजी, संवत सोल सुखकार छपनो (१६५६) कहीइजी, वैसाख सुदि सोमवार चउथि दिन लहीइजी. पहउरमांहि परसीध महुरत लीधुंजी, तलक करी बहु दान जोसी दीधुंजी, देइ आसीस ते भट सवे वलीआजी, संघ चतुरवीध्य सार मनोरथ फलीआजी. तीहां अवर जोइ जांण बोलइ वाणीजी, श्रीमल साह सुजाण अमीअ समाणीजी, मागि श्रीसंघ पास आगन्या दीजइजी, आचारयपद-काय महउछव कीजइजी. संघ सकल मनरंगि आगन्या आपिजी, श्रीमल साह कर जोडि मस्तकि थापइजी, उलट घरतां अंगि मंदिर आवइजी, सोमा साहनइ कानि वात सुणाविजी. गुजर मालव देस दक्षण कहीइजी, मेदपाट मारूआडि मेवाड लहीइजी, सकल देस सणगार सोरठ सारीजी, जीहां श्रीसेजेज नि गिरिनारि आनंदकारीजी काहनम दमण देस प्रमुख कहीइजी, इंम देस अनेक अभीरांम नामने लहीइजी, कंकोतरी कुंकुमवरणि लखी चलावइजी, देस दे[सा]ना संघ वेगा आवइजी. श्रीमल साह मनरंगि घरि पधरावइजी, देइ पांन बहु मानि उतारा अलावइजी, मंडप मोटि संचि मनडुं मोहिजी, थानकि थानकि थंभि पुतली सोहिजी.