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जान्युआरी - २०२०
॥ चउपई ॥ भोजन नींद्र न भावइ नीर, सासू माय बोलावइ वीर पुण्यपाल अवसरनउ जाण, कहि कुंअर किण लोपी आण ॥५४|| दूहवण कुंण करेसइ रात, निश्चय बो लेवू परभाति(त) जई विदेसि करुं जउ काज, माय भलावू तां तम्ह आज ॥५५॥ काज परीच्यु७ ताहाँ हेव, तुम्ह ससरउ संभालु देव२८ दल मागीने चालउ चंग, तुं बइठां वाली दिउं अंग ॥५६॥ ससरानइ वलि लीजई राज, मुझ मांटीपणि आवइ लाज पुण्यपालि मान्युं सुविचार, तुं मोकलावइ घरनी नारि(र) ॥५७॥ नारी नीर भण्या(या) बे नयण, सांभलि प्राणनाथ मुझ वयण माय बापनइ आपइ छेह, पीहर सरिसुं नाणइ नेह ॥५८॥ थोडा घणा करइ घरमांहि, लाज करइ घरि आवइ नाहि पहिल भोजन न करइ रीति, अहनिसि चालइ प्रियनइ चीति ॥५९॥ भगति करंतां नीठुर थाय, नीछेछी देसाउरि जाय मयणसुंदरि मेल्हइ नीसास, केहउ पुरुष तणउ वेसास ॥६०॥ क्षामोदर तुं खीजइ कांय, तुझ खीज्यइ मुझ असुख न माय परलक्ष्मी भोगवतां लाज, आणी धन सारू तुझ काज ॥६१॥ प्रमदा रोती राखइ ध(धी)र, सई हथि लूहइ आंसू३० नीर सीपु "सपत करइ एकंति, सुंदरि आंबू(बू) ३२सही वरसंति ॥६२॥ भली भलाव(म)ण मयणा दीध, असि ३३मरउडडण नीय कर लीध कमला माडी लागुं पाय, पंथई पइठउ चंपाराय ॥६३॥ मारगि वहतां तरुवर हेठि, बइठउ नर एक दीठउ देठि कुंअर आवंतउ तीण इकल्यउ, विनय करीनइ साम्हउ मिल्यउ ॥६४||
२६. चालेवों ॥ २८. हेव ॥ ३०. आंखे ॥ . ३२. आवीस हु॥
२७. परीछ्युं ॥ २९. नीत ॥ ३१. समझावें एकांति ॥ ३३. सरसोडण नीय ॥